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सांस्कृतिक गतिविधियों के बिना जीवन अधूरा : आलोक वर्मा

राउरकेला इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों ने सिविक सेंटर में राजभाषा नाटक संध्या का आयोजन किया। कार्यक्रम में निदेशक आलोक वर्मा ने प्रतिभागियों की सराहना की। ओडिया और हिंदी में दो नाटक प्रस्तुत किए गए,...

Newswrap हिन्दुस्तान, चक्रधरपुरSun, 16 Feb 2025 03:39 PM
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सांस्कृतिक गतिविधियों के बिना जीवन अधूरा : आलोक वर्मा

राउरकेला।राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) के कर्मचारियों द्वारा सेक्टर-19 स्थित सिविक सेंटर में राजभाषा नाटक संध्या में दो मनमोहक नाटक प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में राउरकेला इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी आलोक वर्मा मुख्य अतिथि थे, जबकि दीपिका महिला संघति की अध्यक्षा नम्रता वर्मा, कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) बी पलाई, कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन) अनिल कुमार, कार्यपालक निदेशक (खान)एम पी सिंह, उपाध्यक्षा (डीएमएस) रीता रानी सम्मानित अतिथि थीं। कार्यक्रम का उद्घाटन नम्रता वर्मा और अन्य गण्यमान्यों द्वारा दीप प्रज्वलित के साथ हुआ । इस दौरान एमओएमटी (ईएमडी) ज्योतिर्मयी आचार्य ने श्लोक उच्चारण किये किया। मौके प्रभारी निदेशक आलोक वर्मा ने कर्मचारियों की प्रतिभा की प्रशंसा की, जिन्होंने नाटकों को पूर्णता और सटीकता के साथ प्रस्तुत किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कला, संगीत, नाटक और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियाँ जीवन के आवश्यक अंग हैं, और इनके बिना जीवन अधूरा है। वर्मा ने उन कर्मचारियों की प्रशंसा की, जो इस्पात संयंत्र के कर्मचारी के कठिन जीवन के बावजूद कला के प्रति अपने जुनून को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने सभी कर्मचारियों से कहा हमें अपनी औद्योगिक उत्कृष्टता के साथ-साथ अपनी रचनात्मक भावना को भी पोषित करना चाहिए। मौके पर पहला नाटक ओडिया गीति-नाट्य चक्रव्यूह था, जो महा भारत के अभिमन्यु की कहानी पर आधारित एक संगीत नाटक था, जो बहादुरी और योद्धा के अपरिहार्य बलिदान के विषयों पर केंद्रित था। गण कबि वैष्णव पाणि द्वारा लिखित नाटक के अनुसूजक एसएमएस-2 के एमओएमटी प्रभाकर पात्र थे। जिसका निर्देशन प्रफुल्ल चन्द्र सेठी ने किया था। वहीं हिंदी नाटक आषाढ़ का एक दिन था, जो स्वर्गीय मोहन राकेश द्वारा लिखित एक सामाजिक नाटक पर आधारित था। नाटक महत्वाकांक्षा, प्रेम और भाग्य के विषयों की खोज करने वाले प्रतिष्ठित संस्कृत कवि कालिदास के ईद-गिर्द आधारित था। नाटक का निर्देशन ऑक्सीजन प्लांट के एसओएसटी परेश रंजन महतो ने किया था। दोनों नाटकों ने कथानक, नाटकीयता, संवाद, मंचीय कला, संगीत और निर्देशन के मामले में बेहतरीन प्रदर्शन किया और दर्शकों को अंत तक अपनी सीटों से बांधे रखा। कार्यक्रम के अंत कलाकारों को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए स्मृति चिन्ह भेंट किए। आरएसपी के राजभाषा सहायक मिन्नी रॉय को भी राजभाषा में उनके दीर्घकालिक योगदान के लिए पुरस्कृत किया गया। एसएमएस-2 विभाग के गौरांग चंद्र मल्लिक और सुशांत गिरी ने मध्यांतर के दौरान अपने वाद्य संगीत से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। सहायक प्रबंधक (जन संपर्क) जॉयदेब मजूमदार ने कार्यक्रम का संचालन किया, जबकि उप प्रबंधक (जन संपर्क) शशांक पटनायक ने सम्मान समारोह गतिविधि का संचालन किया। सहायक महा प्रबंधक (जन संपर्क-राजभाषा) लोलती टोप्पो ने स्वागत भाषण दिया, जबकि उप प्रबंधक (जन संपर्क) अनिल झा ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का समन्वय महा प्रबंधक (जन संपर्क) एवं संचार मुख्य अर्चना शत्पथी के मार्गदर्शन में जन-संपर्क राजभाषा विभाग द्वारा किया गया।

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