कैटरिंग की अनियमितता पर ठेकेदारों से रेलवे ने वसूला 4 करोड़ 40 लाख का जुर्माना
चक्रधरपुर में रेलवे ने पिछले छह महीने में खराब खाना, गंदगी, पानी की कमी जैसी शिकायतों पर 4 करोड़ 40 लाख रुपए का जुर्माना ठोका है। रेल मंत्री ने यात्रियों की सेवा सुधारने के लिए शिकायतों की निगरानी और...
चक्रधरपुर। ट्रेन यात्रा में सफर के दौरान कैटरिंग में खराब खाना, कोच-टॉयलेट में गंदगी, पानी का अभाव, खराब मोबाइल चार्जिग, गंदा बेडरोल, खराब एसी, लाइट संबंधित शिकायतों पर पिछले छह महीने में रेलवे ने सिर्फ कैटरिंग ठेकेदारों पर 4 करोड़ 40 लाख से अधिक राशि का जुर्माना ठोका है। वहीं, ऑनबोर्ड हाउस कीपिंग व अन्य रेल ठेकेदारों को एक करोड़ से अधिक रुपए का आर्थिक दंड से दंडित किया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल यात्रियों की सेवा में सुधार के लिए रेल मदद पर दर्ज होने वाली शिकायतों की निगरानी- निवारण सहित संबंधित अधिकारी- ठेकेदार पर कार्रवाई करने की हिदायत दी है। इसके तहत रेलवे बोर्ड के कंट्रोल रूम में अधिकारियों की टीम सोशल मीडिया, रेल मदद ऑनलाइन, 139 पर होने वाली शिकातयों पर 24 घंटे निगरानी किया जा रहा है।रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया पर शिकायत दर्ज होने पर जोनल रेलवे व डिजिवन में अधिकारी सक्रिय हो जाते हैं। वे यात्री से बात करने के साथ साथ उनकी समस्या का समाधान करते हैं। इसके अलावा डिविजन के अधिकारी तत्काल संबंधित ठेकेदार पर शिकायत की गंभीरता के आधार पर जुर्माना लगाने का निर्देश देते हैं।उन्होंने बताया खराब खाना, खाने में कीड़े-कॉकरोच आदि पर कैटरिंग ठेकेदारों पर 25 हजार से एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा रहा है।अप्रैल से अक्टूबर तक 1750 शिकायतों पर प्रति ठेकेदार 25 हजार रुपया का लगाया जुर्माना लगाया गया है। जबकि खाने शिकायतों से जुड़ी 30 शिकातयों के मामले पर एक लाख रुपये और देहरादून शताब्दी एक्सप्रेस के ठेकेदार पर दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। अब तक रेलवे ने 4 करोड़ 40 लाख से अधिक राशि ठेकेदारों पर जुर्माना लगाया गया है। कोच में गन्दगी ,गंदे बेडरोल आदि अनियमितता पर 10 से 20 हजार तक का जुर्माना, रेलवे ने कोच में गन्दगी ,गंदे बेडरोल, खराब स्विच , एसी, स्टेशन पर खराब स्क्लेटर, लाइट खराब होने पर 10 हजार से 20 हजार का जुर्माना लगाया जा रहा है। रेल यात्री के शिकायत या फोटो वीडियो डालते ही रेलवे अधिकारी ठेकेदारों पर जुर्माना लगाने का निर्देश दे रहे है। अप्रैल से अक्टूबर के बीच एक करोड़ से अधिक का जुर्माना वसूला जा चुका है। इस प्रकार की शिकायतों पर त्वरित करवाई अथवा समाधान नहीं होने पर डीआरएम और संबंधित अधिकारी को जवाबदेही ठहराया जा रहा है।
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