बाल श्रम निषेध दिवस पर 'अस्पायर' संस्था ने निकाली जनजागरूकता रैली, नुक्कड़ नाटक से दी गई जानकारी
बाल श्रम निषेध दिवस पर ‘अस्पायर’ संस्था ने जागरूकता अभियान चलाया। मोटरसाइकिल रैली और नुक्कड़ नाटकों के जरिए ग्रामीणों को बाल श्रम और बाल विवाह के दुष्परिणाम बताए गए। कार्यक्रम में स्थानीय लोगों ने भाग...

बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर सामाजिक संस्था ‘अस्पायर द्वारा रविवार को एक विशेष जनजागरूकता अभियान चलाया गया। अभियान के तहत मोटरसाइकिल रैली और नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से ग्रामीणों को बाल श्रम और बाल विवाह के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक किया गया। कार्यक्रम में बाल अधिकार सुरक्षा मंच, बंदगांव प्रखंड के अध्यक्ष तीरथ जामुदा और प्रखंड समन्वयक राम प्रकाश सिंह मुख्य रूप से उपस्थित थे। रैली के माध्यम से घाटी के नीचे बसे सभी छह पंचायतों में भ्रमण किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों की भागीदारी रही। अभियान के दौरान जगह-जगह नुक्कड़ नाटकों का आयोजन कर ग्रामीणों को यह संदेश दिया गया कि बच्चों से श्रम कराना न सिर्फ उनके भविष्य के साथ अन्याय है, बल्कि यह कानूनन अपराध भी है।
नाटकों के माध्यम से यह भी बताया गया कि बाल विवाह समाज की प्रगति में बाधा है और हर बच्चे को स्कूल भेजना, पढ़ाना और उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक बनाना हर माता-पिता का कर्तव्य है। बाल अधिकार सुरक्षा मंच के अध्यक्ष तीरथ जामुदा ने कहा कि “पढ़ने की उम्र में बच्चों से श्रम कराना उनके बचपन को छीनने जैसा है। बाल श्रम को रोकने और बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए समाज को एकजुट होकर प्रयास करना होगा।” इस मौके पर सेलाय मुंडा, पुरुषोत्तम प्रधान, प्रियंका मुखी, लखन मेलगांडी, गुरुवारी जामुदा, जगन्नाथ प्रधान, सरस्वती, लक्ष्मी समेत कई सामाजिक कार्यकर्ता और ग्रामीण उपस्थित थे। सभी ने एक स्वर में यह संकल्प लिया कि वे अपने गांव और पंचायतों में बाल श्रम और बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता फैलाएंगे।
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