सेविका-सहायिका घर-घर जाकर करेंगी बच्चों व गर्भवती माताओं की जांच
कोरोना के कारण आंगनबाड़ी केंद्रों के बंद होने के कारण 0 से 5 वर्ष के बच्चों तथा गर्भवती माताओं के बीच कुपोषण का खतरा मंडरा रहा है। इसे लेकर अपने-अपने क्षेत्रों में कार्यरत आंगनबाड़ी सेविका तथा...
कोरोना के कारण आंगनबाड़ी केंद्रों के बंद होने के कारण 0 से 5 वर्ष के बच्चों तथा गर्भवती माताओं के बीच कुपोषण का खतरा मंडरा रहा है। इसे लेकर अपने-अपने क्षेत्रों में कार्यरत आंगनबाड़ी सेविका तथा सहायिका अपने-अपने क्षेत्र के प्रत्येक घर में जाकर बच्चों तथा गर्भवती माताओं की जांच करेंगी तथा जरूरत के अनुसार उन्हें पोषक आहार उपलब्ध कराया जाएगा। इस कार्य के लिए जिला समाज कल्याण विभाग ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है।
बच्चों पर विशेष नजर : विभाग द्वारा सभी सेविका सहायिकाओं को बच्चों की जांच करने यदि बच्चे कुपोषित पाये जाते हैं तो उन्हें नजदीकी कुपोषण उपचार केंद्र ले जाना है तथा यदि बच्चों को अतिरिक्त पोषक आहार की जरूरत है तो उन्हें अतिरिक्त पोषक आहार देने का निर्देश दिया गया है। साथ ही गर्भवती माताओं को वरीयता के आधार पर उनकी जांच करना है। यदि उनमें कोई कमी होती है तो उन्हें अतिरिक्त पोषक आहार देने के साथ उन्हें चिकित्सीय परामर्श देने का सुझाव दिया जाएगा।
5 से10 साल के बच्चों को मिलेगा पिंक टैबलेट : कक्षा एक से पांचवीं तक पढ़ने वाले बच्चों को सुखा राशन के साथ-साथ उन्हें एक माह के लिए गुलाबी आयरन टैबलेट दिया जाएगा। साथ ही 10 से 19 आयु वर्ग के किशोर-किशोरियों के बीच एक माह के लिए ब्लू आयरन गोली का वितरण किया जाएगा। जबकि गर्भवती व धात्री माताओं के बीच रेड आयरन गोलियों का वितरण किया जाएगा। साथ ही ऐनिमिया मुक्त भारत अभियान के तहत 20 से 49 साल के महिलओं के बीच ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता पोषण दिवस के दिन प्रत्येक को तीन माह के लिए आयरन की गोलियों का वितरण किया जाएगा।
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