ऑनलाइन मालगुज़ारी वसूली करने की विरोध का झारखण्ड पुनरुत्थान अभियान ने किया समर्थन
चाईबासा में कोल्हान पोड़ाहाट मानकी मुंडा संघ ने झारखंड सरकार द्वारा ऑनलाइन मालगुजारी वसूली का विरोध किया है। अभियान के संयोजक सन्नी सिंकु ने कहा कि इससे मानकी मुंडा की पारंपरिक प्रथाओं को नुकसान होगा...

चाईबासा। कोल्हान पोड़ाहाट मानकी मुंडा संघ केंद्रीय कमिटी के द्वारा बैठक का आयोजन कर झारखण्ड सरकार के द्वारा ऑनलाइन मालगुज़ारी वसूली करने की विरोध का झारखण्ड पुनरुत्थान अभियान समर्थन करती है। यह बातें अभियान के मुख्य संयोजक सन्नी सिंकु ने कहा है। सन्नी सिंकु ने कहा कोल्हान पोड़ाहाट में ऑनलाइन मालगुज़ारी वसूली करने से न सिर्फ मानकी मुंडा के सामाजिक,पारंपरिक, रूढ़ि जन्य प्रथा अपभ्रंश होगा, बल्कि धीरे धीरे नौकरशाह के द्वारा मानकी मुंडा को हुकुकनामा में प्राप्त जवाबदेही पर हस्तक्षेप करके उनके जवाबदेह से उन्हें ही विमुख कर देने का कार्य कर सकता है। उसके बाद सरकार और सरकारी तंत्र मानकी मुंडा की प्रशासन में सहभागिता को औचित्यहीन बताकर मानकी मुंडा स्वशासन प्रथा को मृतप्राय घोषित करने का कोशिश कर सकता है, क्योंकि अविभाजित बिहार में ऐसा प्रयास किया गया था।
साथ ही कुछ वर्ष पहले जिला के सभी अंचल में ऑनलाइन खतियान का डाटा इंट्री में भी कई विसंगतियों देखी जा रही है। जिसके कारण जमीन मालिकों में वैमनस्य फैल रहा है। ऑनलाइन खतियान डाटा इंट्री में खाता संख्या किसी का और सदियों से दख़ल कोई और कर रखा है। जिसके कारण जमीन का विवाद बढ़ते जा रहा है। जबकि मानकी मुंडा को सभी पीढ़ और मौजा में जमीन जोत और दख़ल के आधार पर मालगुजारी वसूलने के कारण उन्हें अद्यतन स्थिति की उचित जानकारी रहता है। जिसके कारण जमीन विवाद की संभावना कम होती है। जिन राजस्व कर्मचारी को ऑनलाइन खतियान का डाटा इंट्री कराने का कार्य दिया गया था। मानकी मुंडा की तरह उन राजस्व कर्मचारी को न पीढ़ पता है और न गांव तो उनसे मानवीय भूल हो ही सकता है। लेकिन उनके मानवीय भूल के कारण कोल्हान में भूमि विवाद की समस्या विकराल रूप धारण कर सकती है। जिससे कोल्हान की शांति व्यवस्था भंग हो सकती है। मसलन मानकी मुंडा को गांव की संगठन की प्रशासन, अपराधिक न्याय की प्रशासन, किसी दिकू को आदिवासियों की जमीन हस्तांतरण पर रोक का प्रशासन जैसे अन्य जवाबदेह शिथिल पड़ गया है। वैसे ही जिस दिन से कोल्हान में ऑनलाइन मालगुज़ारी वसूली का काम किया जाएगा, उसी दिन से वैसे ही विसंगति देखने को मिल सकती है जैसे ऑनलाइन खतियान डाटा इंट्री में भारी विसंगति देखने को मिल रही है। इसलिए झारखण्ड पुनरुत्थान अभियान सरकार और नौकरशाह से पूछना चाहती है कि वर्तमान सरकार और सरकारी तंत्र अंग्रेजी सरकार और सरकारी तंत्र से अधिक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ होकर जनता के प्रति जवाबदेह है क्या ?
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