विवाहिता बेटी बनी वृद्धा माता का खेवनहार, पति और पांच पुत्रों की हो चुकी है मौत
पेटरवार फोटो 04 वृद्धा पैरों देवीविवाहिता बेटी बनी वृद्धा माता का खेवनहार, पति और पांच पुत्रों की हो चुकी है मौतविवाहिता बेटी बनी वृद्धा माता का खेवनह
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पेटरवार, प्रतिनिधि। पति की मौत के बाद उसकी विधवा पैरो देवी अब इन दिनों इतनी लाचार हो गयी है कि एक कदम चलना भी मुश्किल हो गया है। एकमात्र विवाहिता पुत्री की ओर से वृद्धा महिला का लालन पालन किया जा रहा है लेकिन किसी तरह की सरकारी लाभ से विधवा महिला अभी तक वंचित हैं जिसके कारण वृद्धा महिला काफी परेशान हैं। यह मामला पेटरवार प्रखंड के चरगी पंचायत के कदमा टोला गांव की है। क्या है मामला: कदमा टोला गांव निवासी पैरो देवी (60 वर्ष) के पति स्व रामहरि मांझी की मौत पांच वर्ष पूर्व हो गयी थी। पति की मौत के बाद इसके ऊपर दुःखो का पहाड़ टूट पड़ा। जब उसे खाने के लाले पड़ने लगा तो ऐसी स्थिति में विवाहिता पुत्री ने आगे बढ़कर मां का सहारा बनी और उसे अपने ससुराल बुढ़न गोडा से अनाज लाकर अपनी मां का लालन पालन करने लगी। उसके बावजूद इसे न तो विधवा पेंशन मिला और न ही जन वितरण प्रणाली की दुकान से राशन ही मिल रहा है। इसके पति के नाम से एक राशन कार्ड था जिसमें पैरो देवी का भी नाम दर्ज था लेकिन राशन कार्ड में आधार लिंक नही रहने के कारण इसे राशन नही मिल पाता है। पांच पुत्रो की हो चुकी है मौत: वृद्धा महिला पैरों देवी को पांच पुत्र और एक पुत्री थी। महिला बताती है कि जवानी में कदम रखने से पूर्व ही मेरे पांच पुत्रो की मौत समय से पहले ही हो गयी। शरीर से लाचार होने के कारण घसीटकर घर का सारा काम काज करती हूं लेकिन सरकार की ओर से किसी तरह की सुध नही ली गई जिसके कारण बेबस भरी जिंदगी गुजार रही हूं। कहा कि अगर वृद्धा पेंशन और जनवितरण का राशन मिलता तो किसी पर निर्भर नही रहना पड़ता।
बेटी बनी खेवनहार: वृद्धा विधवा मां पैरो देवी का खेवनहार उसकी एकमात्र पुत्री बनी। महिला की पुत्री अपने ससुराल से हर महीने राशन पानी की व्यवस्था करती है जिसके साह वृद्धा विधवा महिला अपनी जिंदगी किसी तरह गुजार रही है।
पंचायत के पूर्व मुखिया पंचानन महतो ने कहा कि 43 वर्ष पूर्व इस पंचायत का मुखिया हुआ करता था तभी एक इंदिरा आवास विधवा के पति के नाम पर दिया था जो अब जर्जर हो चुका है और इस लाचार व बेबस महिला का सुध लेने वाला कोई नही है।
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