बेरमो व डुमरी में जेएलकेएम के बीच फंसी इंडिया-एनडीए, गोमिया में मुकाबला पुराना
झारखंड की हॉट सीट माने जाने वाली बेरमो व डुमरी विधानसभा में जेएलकेएम की हवा में इंडिया व एनडीए मानो फंस गई है। इन दोनों ही विधानसभाओं में खुद जेएलकेए
बेरमो। झारखंड की हॉट सीट माने जाने वाली बेरमो व डुमरी विधानसभा सीट पर जेएलकेएम की हवा में इंडिया व एनडीए मानो फंस गई है। इन दोनों ही विधानसभाओं में खुद जेएलकेएम के केंद्रीय अध्यक्ष के खड़े रहने से मुकाबला त्रिकोणीय हुआ है, इसमें किसी को किसी तरह का संदेह नहीं है। मतदान से पहले व मतदान के बाद भी चर्चा में बदलाव नहीं है। ऐसे में 23 नवंबर को मतगणना पूरी होने तक परिणाम की उत्सुकता बनी रहेगी। जबकि गोमिया विधानसभा क्षेत्र में मुकाबला पुराना होने की संभावना है। चौकाने वाले परिणाम की संभावना कम बताई जा रही है। मतदान से परिणाम हो सकता है इधर-उधर: ऐसे तो बेरमो विस को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। परंतु पिछले पांच बार से भाजपा भी लगातार गढ़ तैयार करती जा रही है। इन सबके बीच ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक मतदान और शहर में कम मतदान से परिणाम इधर-उधर हो सकता है। झामुमो का कुनबा कम सक्रिय दिखा। वहीं, बात की जाय जरीडीह प्रखंड तथा पेटरवार प्रखंड की शेष पंचायतों में तो जेएलकेएम की हवा बही, जबकि बेरमो प्रखंड व चंद्रपुरा प्रखंड की शेष पंचायतों में इंडिया-एनडीए व जेएलकेएम जबकि नप फुसरो में जेएलकेएम के प्रभाव का कम पता चला। त्रिकोणीय मुकाबला में इंडिया से कांग्रेस पार्टी से विधायक कुमार जयमंगल, एनडीए से पूर्व सांसद रवींद्र कुमार पाण्डेय व जेएलकेएम के सुप्रीमो जयराम कुमार महतो शामिल हैं। हालांकि प्रत्याशी कुल 14 हैं। जिनमें निर्दलीय संतोष महतो ने मतदान से कुछ दिन पहले ही भाजपा के रवींद्र कुमार पाण्डेय को समर्थन दे दिया था।
डुमरी में इंडिया, एनडीए व जेएलकेएम के बीच त्रिकोणीय मुकाबला: डुमरी विस को झामुमो का गढ़ माना जाता है। परंतु आजसू की जमीन भी यहां मजबूत है। परंतु इस बार जेएलकेएम के केंद्रीय अध्यक्ष जयराम कुमार महतो के खुद खड़े होने से मुकाबला जरूर त्रिकोणीय हुआ है। आदिवासी व अल्पसंख्यक वोटरों में कम सेंधमारी से कहीं न कहीं इंडिया को भरोसा ज्यादा है, यानी झामुमो प्रत्याशी मंत्री बेबी देवी की पुन: वापसी की संभावना है। यहां कुर्मी वोटर भी कम-अधिक बंटे। ऐसे में जेएलकेएम प्रत्याशी तथा एनडीए से आजसू प्रत्याशी यशोदा देवी भी आगे रह सकती हैं। हार-जीत का अंतर कुछ ज्यादा नहीं बताया जा रहा। यहां से 12 प्रत्याशी हैं।
गोमिया में मुकाबला पुराना होने की संभावना: गोमिया विस किसी पार्टी का गढ़ नहीं माना जाता है। यहां एनडीए के आजसू पार्टी से विधायक डॉ. लंबोदर महतो व इंडिया के झामुमो से पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद के बीच ही मुख्य मुकाबला या पुराना मुकाबला होने की संभावना नजर आ रही है। यहां से 12 प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें जेएलकेएम से पूजा कुमारी तथा निर्दलीय से पूर्व मंत्री माधवलाल सिंह के पुत्र प्रकाश लाल सिंह, बोकारो के पूर्व विधायक इजरायल अंसारी के पुत्र इसराफिल अंसारी ऊर्फ बबनी, जिप अध्यक्ष सुनीता देवी के पति चितरंजन साव व इफ्तिखार महमूद का भी अपना-अपना जनाधार है।
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