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श्रीमद् भागवत कथा से ज्ञान व वैराग्य की होती है प्राप्ति: पं. ब्रजमोहन पाठक

श्रीमद् भागवत कथा से ज्ञान व वैराग्य की होती है प्राप्ति: पं. ब्रजमोहन पाठकश्रीमद् भागवत कथा से ज्ञान व वैराग्य की होती है प्राप्ति: पं. ब्रजमोहन पाठक

Newswrap हिन्दुस्तान, बोकारोThu, 30 Jan 2025 02:22 AM
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श्रीमद् भागवत कथा से ज्ञान व वैराग्य की होती है प्राप्ति: पं. ब्रजमोहन पाठक

बोकारो, प्रतिनिधि। भास्कर सेवक समिति की ओर से सेक्टर 4 एफ स्थित सूर्य मंदिर परिसर में बुधवार को सात दिवसीय श्रीमदभागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया गया। कथा के दूसरे दिन प्रवचनकर्ता पं. ब्रजमोहन पाठक ने गोकर्ण धुंधकारी की कथा, प्रभु के वराह अवतार व हिरण्याक्ष पर प्रकाश डाला। पाठक ने कहा कि अपने कुकर्मों के कारण धुंधकारी प्रेत बन गया था। धुंधकारी ने अपने जीवन में बहुत पाप किए थे, अपने माता पिता को कष्ट देना व अन्य बुरी आदत में पड़कर चोरी करने लगा और उसकी हत्या हो गयी। अपने कुकर्मों के कारण मृत्यु के बाद वह एक प्रेत बन गया था। भाई गोकर्ण ने अपने भाई का श्राद्ध गया जाकर किया था। लेकिन धुंधकारी को फिर भी मुक्ति नहीं मिली। वह गोकर्ण को डराने के कोशिश करता लेकिन गोकर्ण गायत्री मंत्र का जाप करता तो धुंधकारी उसके पास नहीं जा पाता था। गोकर्ण ने जब कहा कि मैंने तो तुम्हारा पिंडदान कर दिया हूं फिर भी तुम प्रेत बन घूम रहे हो तो धुंधकारी बोला की मैंने इतना पाप किया है पिंडदान से मेरा मुक्ति नहीं होगा। उसके बाद गोकर्ण ने सभी विद्वान संत महात्मा से राय लिया और सूर्य देवता को नमन कर इसका उपाय पूछा तो सूर्य देव ने कहा इसको मोक्ष की प्राप्ति भागवत कथा सुनने से ही होगी। गोकर्ण ने भागवत कथा का आयोजन किया और धुंधकारी एक बांस पर जाकर छिप कर बैठ गया। इसके बाद धुंधकारी ने पूरी भागवत कथा श्रद्धा व प्रेम भाव से सुना। फिर धुंधकारी को श्रीमद्भागवत कथा सुनकर मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। श्रीमद्भागवत कथा से मनुष्यों को ज्ञान व वैराग्य की प्राप्ति होती है। श्रीमद्भागवत कथा जीवन में उद्देश्य व दिशा को दर्शाती है। उन्होंने कहा इसलिए श्रीमद्भागवत कथा सुनने मात्र से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उसे ईश्वर के श्रीचरणों में स्थान मिलता है। मौके पर दो यजमान हेमंत पाठक व डॉ.योगेन्द्र कुमार मिश्र शामिल रहे। श्रोता गण में जय किशोर मिश्र, सी बी मिश्र, जय शंकर वैद्य,चन्द्र शेखर सिंह,विमल कुमार, तरूण शर्मा, शिव पूजन मिश्र, कुमार हर्ष, राम कृष्ण पाठक, नवीन सिन्हा, एन के चौधरी, शंकर आदि शामिल रहे।

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