2 फरवरी को बसंत पंचमी मूर्तियों को दिया जा रहा अंतिम रूप
चित्र परिचय:04:सरस्वती पूजा के लिए मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटा कारीगर, 05:सेक्टर 12 में उपलब्ध प्लास्टर की मूर्तियां। 2 फरवरी को बसंत पंचमी म
बसंत पंचमी में महज चार दिन शेष हैं। ऐसे में सरस्वती पूजा मनानो वाली पूजा समितियों की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है। शहर में कई स्थानों पर बड़े पूजा पंडाल का निर्माण किया जाता है। जिसे लेकर अभी से ही निर्माण कार्य आरंभ कर दिया गया है। चास में जहां देशभक्ति व स्वच्छता जागरुकता को लेकर पूजा पडाल का निर्माण किया जा रहा है। वहीं 8 में भव्य मंदिर का निर्माण किया जाएगा। पंडाल निर्माण को लेकर युवाओ में काफी उत्साह है। सेक्टर 12 में पूजा का आयोजन कर रहे अविनाश ने बताया कि गत दस वर्षो से पूजा का आयोजन किया जाता रहा है। इस बार बच्चो के उत्साह को देखते हुए बड़े पंडाल का निर्माण किया जा रहा है। निर्माण में स्थानीय युवा स्वंय जुटे हैं।
करीब 50 स्थानों पर बनेंगे बड़े पंडाल
जिले भर में सरस्वती की पूजा के अवसर पर पूजा पंडाल का निर्माण कर मूर्तियां स्थापित की जाती है। इस बार करीब 50 से अधिक स्थानों पर बड़े व आकर्षक पूजा पंडाल का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें चास के इमली पेड़, विवेकानंद गली, जोधाडीह मोड स्थित ज्ञानदर्शन स्कूल, रेलवे कॉलोनी, सेक्टर 2 व सेक्टर 9 के 14 स्ट्रीट का पंडाल शामिल है। वहीं पूजा समिति के साथ स्कूल व शैक्षणिक संस्थानों में भी आकर्षक पूजा पंडाल के निर्माण की तैयारी है।
मूर्तियों को दिया जा रहा अंतिम रूप
सरस्वती पूजा को लेकर जिले भर में दो दर्जन से अधिक स्थानों पर मूर्तियों का निर्माण किया जा रहा है। जहां मूर्तिकार मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। अधिकांश मूर्तियां करीब पांच फूट की है। कारीगर राजू ने बताया कि बसंत पंचमी में विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा धूमधाम से की जाती है। जहां मूर्तियों की डिमांड अधिक होती है। मांग को देखते हुए इस बार पांच 600 से अधिक मूर्तियों का निर्माण किया गया है। जो शहर के विभिन्न हिस्सो में स्थापित की जाएगी। हालांकि इस बार मिट्टी के साथ प्लास्टर की की भी मूतियां भी खूब बनाई गई है। जिनकी कीमत 200 रूपया से लेकर 1000 रूपया तक है।
सुबह 7:09 बजे से शुभ समय
इस बार बसंत पंचमी रविवार, 2 फरवरी को है। जानकारी देते हुए पंडित श्रवण झा ने बताया कि इस बार शुभ मुहूर्त सुबह से ही आरंभ हो जाएगा। सुबह 7:09 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक है। वहीं श्रद्धालु अगले दिन भर पूजा कर सकेंगे। इस दिन शिक्षा से जुड़ी चीज़ें जैसे पेन, किताबें या नोटबुक भी पूजा स्थल पर रखी जा सकती हैं।
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