बंगभाषी समुदाय ने मनाया पोइला बैशाख
बांग्ला नव वर्ष के आगमन के उपलक्ष्य में जिले के बंगभाषी समुदाय के बीच पोइला बोइसाक (बैशाख) धूमधाम से मनाया। लेकिन, कोरोना संक्रमण को देखते हुए...
बांग्ला नव वर्ष के आगमन के उपलक्ष्य में जिले के बंगभाषी समुदाय के बीच पोइला बोइसाक (बैशाख) धूमधाम से मनाया। लेकिन, कोरोना संक्रमण को देखते हुए बंगभाषी अपनेे घरों में पूजा अर्चना के साथ पोइला बैशाख मनाए।
बोकारो जिला पश्चिम बंगाल से सटा हुआ होने के चास, चंदनकियारी, जरीडीह, कसमार प्रखंड क्षेत्र में बंगाल राज्य की सीमा है। इसलिए पूरे जिले में खासकर बंगभाषी समुदाय में पोइला बोइसाक काफी उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस साल कोरोना संक्रमण की स्थिति में लोग एहतियात बरत रहे हैं। इसके बावजूद बंगभाषियों ने अपने अपने घरों में माछ भात खाकर व एक दूसरे के बीच मिठाई बांटकर नव वर्ष की खुशी मनाई। महिलाओं ने नए वस्त्र पहनकर अपने अपने घरों में ही मिष्टान्न व पुआ पकवान बनाकर अगल बगल के घरों में वितरण किया और सादगी के साथ एक दूसरे को बंगला पोइला बोइसाक की शुभकामनाएं दी। मालूम हो कि इस दिन बांगला पंचांग के अनुसार नव वर्ष प्रारंभ होता है। बंगाली समुदाय के लोग इस दिन से अपना शुभ कार्य प्रारंभ करते हैं। विवाह के लिए भी शुभ समय माना जाता है, लेकिन इस वर्ष बैसाख में शादी विवाह की जो तारीखें तय की गई थी, सम्भवत: कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए तिथि में परिवर्तन हो सकता है। हरि मंदिरों में हरि संकीर्तन का शुरुआत भी इसी दिन से होती है। साथ ही नया बंगला पंचांग व पांजी भी इस दिन से प्रारंभ होता है। प्राय: बंगाली समुदाय के घरों में पोइला बैसाख के अवसर पर नया पंचांग या पांजी खरीद कर लाया जाता है और इस अवसर पर राशिफल भी देखा जाता है।
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