Hindi Newsझारखंड न्यूज़बोकारोNDA Supporters Disappointed as BJP Candidate Amar Bauri Faces Defeat in Bokaro Elections

अपने कोर वोटरों से दूरी बनाए रखने के कारण नेता प्रतिपक्ष को मिली करारी हार

अपने कोर वोटरों से दूरी बनाए रखने के कारण नेता प्रतिपक्ष को मिली करारी हारध्यानार्थ...अपने कोर वोटरों से दूरी बनाए रखने के कारण नेता प्रतिपक्ष को मिली

Newswrap हिन्दुस्तान, बोकारोSun, 24 Nov 2024 12:47 AM
share Share

बोकारो। बोकारो जिले के चार विधानसभा सीटों के चुनाव परिणाम ने एनडीए समर्थकों को निराश कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,आसाम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्व सरमा सहित केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के वादे और दावे धरे धराए रह गए। चंदनकियारी में मोदी की सभा में 50 हजार से अधिक भीड़ उमड़ पड़ी थी। तभी भाजपा प्रत्याशी अमर बाउरी को जीत का ऐहासास होने लगा था। लेकिन धीरे धीरे उनके कोर वोटरों में नाराजगी को लेकर प्रत्याशी के खिलाफ मोर्चाबंदी शुरू कर दी। जिसके बाद धीरे धीरे उनके कार्यकाल में लोग अपने को उपेक्षित महसुस करते हुए किनारा करने लगे और अंदर ही अंदर झामुमो प्रत्याशी के समर्थन में कूद पड़े। चंदनकियारी के लोगों की माने तो वर्ष 2005,2009 और 2014 में जिस अमर बाउरी के लिए पूरा गांव एक होकर उनके जीत और चुनाव खर्च के लिए चंदा एकत्रित करने के लिए तैयार रहता था। ताकि उनकी जीत हर हाल में सुनिश्चित हो सके और चंदनकियारी के विकास करने का उन्हें मौका मिल सके। लेकिन संयोग ऐसा रहा कि वर्ष 2014 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद पहली ही बार में उन्हें सरकार में भु राजस्व मंत्री बनने का मौका मिला। इसके बाद क्षेत्र के बाहर के लोगों के संपर्क बढ़ा तो स्थानीय लोगों के लिए उनका समय काफी कम हो गया। उनकी व्यस्तता के कारण उनके साथ दिन रात रहनेवाले कार्यकर्ता और समर्थकों का उन्होंने फोन उठाना तक बंद कर दिया। जिस कारण कार्यकर्ता और समर्थक भी इनके अलग होने लगे। धीरे धीरे यह सिलसिला बढ़ता गया और उनका कुनबा कुछ कार्यकर्ताओं तक ही सीमित हो गया। उक्त स्थिति के बाद हुए वर्ष 2019 के चुनाव में उन्होंने काफी कम वोटों के अंतर से जीत हासिल की। लेकिन उनकी योग्यता के अनुरूप भाजपा ने उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाकार कई बड़े मंचों के संचालन की जिम्मेवारी सौंपी । इस दौरान भी उन्होंने अपने कोर वोटरों से दूरी बनाए रखा। जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें आखिरकार जनता और समर्थकों के उपेक्षा का दंश स्वरूप करारी हार मिल गई। अब उनके साथ रहनेवाले कट्टर समर्थक अपना दुसरी राह ढ़ुंढ़ चुके है। कई नेता और कार्यकर्ता कई संगठनों के साथ जुड़ भी चुके है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें