Hindi NewsJharkhand NewsBokaro NewsMothers Observe Akhand Nirjala Upvas on Jivitputrika Vrat in Bokaro

जिउतिया के दूसरे दिन महिलाव्रती ने मंदिर में जाकर सुनी जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा

बोकारो में तीन दिवसीय जिउतिया व्रत के दूसरे दिन माताओं ने अखंड निर्जला उपवास रखा। उन्होंने जीमूतवाहन की प्रतिमा की पूजा की और जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा सुनी। महिलाएं विभिन्न मंदिरों में जाकर पूजा...

Newswrap हिन्दुस्तान, बोकारोThu, 26 Sep 2024 12:42 AM
share Share
Follow Us on

बोकारो, प्रतिनिधि। तीनदिवसीय जिउतिया व्रत के दूसरे दिन बुधवार को पुत्र की लंबी आयु को लेकर पूरे दिन माताएं अखंड निर्जला उपवास पर रहीं। बुधवार को कुश से बनी जीमूतवाहन की प्रतिमा को धूप-दीप, चावल, पुष्प आदि अर्पित किया। इस व्रत में कहीं कहीं मिट्टी और गाय के गोबर से चील व सियारिन की मूर्ति बनाई गई। इनके माथे पर लाल सिंदूर का टीका लगाया गया व पूजा समाप्त होने के बाद जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा सुनी गई। इसको लेकर चास-बोकारो के विभिन्न मंदिरों में महिलाव्रती जाकर पूजा करने के बाद मंदिर के पुजारी से जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा भी सुनी। जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा सुनने को लेकर मंदिरों में जिउतिया करने वाली महिलाव्रती शामिल रही। जबकि संध्या समय में सूर्यास्त से 2 घंटे पहले स्नान करने के बाद का श्रवण करना व किसी वृक्ष के बेल में गांठ डालना एक लोक परंपरा है l इस वर्ष जीवित्पुत्रिका व्रत में तीसरे दिन गुरूवार जिस दिन व्रत का पारण होगा उस दिन सुबह उठकर केराई, चूड़ा, दूध, शक्कर, तिल का पुष्प इत्यादि डालकर प्रथम बार व्रत को तोड़कर पारण करेंगी l लेकिन व्रत तोड़ने के पूर्व जीवित्पुत्रिका व्रत के प्रमाण स्वरूप एक तीन या चार धागे का जितिया गले में धारण करेगी l जिसमें जितनी संताने होती हैं उतनी गांठे डाली जाती हैं l उन गांठों के अलावा राजा जीमूतवाहन के निमित्त एक गांठ और होती हैं l माता अपने जितिया में तीन गांठ लगाकर उसकी पूजा कर अपने पहले अपने पुत्र के गले में धारण करने के बाद माताएं जितिया धारण करेंगी l

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें