डुमरी में झामुमो का 20 साल का किला ध्वस्त
डुमरी विधानसभा चुनाव में मंत्री बेबी देवी को हार का सामना करना पड़ा। झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के जयराम कुमार महतो ने 20 साल से झामुमो के कब्जे में रही सीट पर विजय प्राप्त की। बेबी देवी के...
चंद्रपुरा, प्रमोद सिन्हा। जिसका डर था वही हुआ डुमरी विधानसभा सीट पर। चुनाव परिणाम में इस सीट पर मंत्री बेबी देवी की करारी हार हो गई। झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के सुप्रीमो जयराम कुमार महतो ने 20 साल का झारखंड मुक्ति मोर्चो के किले को ध्वस्त कर दिया। 2004 से यह सीट लगातार झामुमो के खाते में थी। जगरनाथ महतो लगातार पार्टी को विजय दिलाने में कामयाब थे। उनके निधन के बाद उनकी धर्मपत्नी बेबी देवी को चुनावी मैदान में उतारा गया। स्व जगन्नाथ महतो के कार्यों के बदौलत यहां पर बेबी देवी को शानदार जीत मिली। इस जीत से सभी को बल मिला था। पूरी उम्मीद थी इस विधानसभा चुनाव में भी बेबी देवी की शानदार जीत होगी मगर सब कुछ पानी फिर गया। महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा मंत्री ने अपने विभाग से झारखंड प्रदेश की हर महिला के खाते में 1-1 हजार रुपये डलवाया। हेमंत सोरेन की धर्मपत्नी कल्पना सोरेन उनकी सीट को कन्फर्म करने के लिए चार-चार बार यहां सभा की। नामांकन के दिन स्वयं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने डुमरी में सभा की थी। मगर सब बेकार। सारे प्रयासों पर पानी फिर गया। मंत्री चुनाव में जयराम से पराजित हो गईं। जगरनाथ महतो के निधन के बाद से उनकी जगह न तो पुत्र अखिलेश महतो ले पाया और न ही पत्नी। उपचुनाव में जीत अलग बात थी। बताया जाता है कि मंत्री को अपने ही समाज के व्यक्तियों ने निराश किया। आने वाले समय में पार्टी इस पर गहन विचार विमर्श जरूर करेगी। निष्कर्ष के तौर पर यही कहा जा सकता है कि टाइगर जगरनाथ महतो के जाने के बाद अब चंद्रपुरा, नावाडीह व डुमरी की जनता ने जयराम को अपना नया टाइगर और अपना नया नेता मान लिया है।
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