बेरमो में 90 दिनों में चार महिला नक्सली समेत आठ नक्सली हुए ढेर
झारखंड में जनवरी से अप्रैल तक नक्सल विरोधी अभियानों में सुरक्षा बलों ने बड़ी सफलता हासिल की है। चार महीनों में आठ नक्सली मारे गए, जिनमें चार महिलाएं भी शामिल हैं। दो जवान शहीद हुए हैं। नक्सलियों से...

गोमिया, अनंत कुमार। झारखंड में इस वर्ष जनवरी से अप्रैल तक नक्सल विरोधी अभियानों में सुरक्षा बलों ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। चार महीनों के भीतर मुठभेड़ों में चार महिला समेत आठ नक्सली मारे गए, जबकि दो जवान शहीद हुए हैं। कोबरा, झारखंड जगुआर, सीआरपीएफ और जिला पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में नक्सलियों को करारा झटका दिया गया है। 22 जनवरी : नावाडीह प्रखंड के पेंक नारायणपुर थाना क्षेत्र के बंशी और जरवा जंगल में मुठभेड़ में दो नक्सली जिसमें शांति जो एरिया कमांडर थी, मारी गई। शान्ति चतरो गिरिडीह की रहने वाली थी। इसके साथ मनोज भी मारा गया था। यह भी पीरटांड़ गिरिडीह का रहने वाला था।
29 जनवरी : पश्चिम सिंहभूम जिले के केरावीर जंगल में मुठभेड़ हुई। यहां हेमंती मंझियान एरिया कमांडर मारी गई। हेमंती नावाडीह प्रखंड के पेंक-नारायणपुर थाना क्षेत्र के गोड़गोड़वा गांव की रहने वाली थी। इस मुठभेड़ में विनय गंझू (जोनल कमांडर, भी मारा गया था, जो लोगमा गांव सिमरिया थाना, चतरा का रहने वाला था।
21 अप्रैल : झारखंड का सबसे बड़ा मुठभेड़ गोमिया प्रखंड के लुगु पहाड़ की तलहटी पर हुआ। इस मुठभेड़ में दो महिला नक्सली मारी गई जिसमें रंजू और तालो दी शामिल है। इसके अलावा एक करोड़ का इनामी नक्सली प्रयाग मांझी ऊर्फ विवेक (सेंट्रल कमेटी सदस्य) मारा गया जो राज्य पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि मानी गई। साथ में साहेब राम मांझी, अरविंद यादव, विनोद हांसदा ऊर्फ गंगा ऊर्फ लंगड़ा, महेश मांझी व महेश भी ढेर हुआ।
गिरफ्तारी भी : लुगु पहाड़ की तलहटी में मुठभेड़ के बाद दो नक्सलियों की गिरफ्तार भी किया गया। सुनीता ऊर्फ रजनी जो दुमका की रहने वाली है, मुठभेड़ के दौरान भागने के बाद जंगल से पकड़ी गई। दूसरा दयानंद जो जमुई बिहार का रहने वाला है जो घायल अवस्था में गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने अभी गिरफ्तारी की बात कही है लेकिन नाम का खुलासा नहीं किया है। इससे पहले चंद्रपुरा के नर्रा से 21 जनवरी को इनामी नक्सली रणविजय को गिरफ्तार किया गया था।
बरामदगी भी : सभी अभियानों में नक्सलियों के पास से बड़ी मात्रा में अत्याधुनिक हथियार, गोलियां, आईईडी और अन्य विस्फोटक सामग्री बरामद किया गया है। पुलिस के अनुसार, बरामद सामग्री से नक्सलियों के बड़े हमले की साजिश नाकाम की गई है।
दो शहीद भी : सर्च ऑपरेशन के दौरान चाईबासा जंगल में 22 मार्च को आईईडी विस्फोट में एक सीआरपीएफ के जवान शहीद सुनील धान और पश्चिम सिंहभूम में 12 अप्रैल को कोबरा के जवान सुनील कुमार मंडल शहीद हो गए थे।
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