मौनी अमावस्या पर नदियों में स्नान व मंदिरों में पूजा-पाठ
बेरमो में माघी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने दामोदर नदी में स्नान किया और पूजा-पाठ किया। शमशान काली मंदिर में मां काली की पूजा की गई, जिसके बाद खिचड़ी महाप्रसाद वितरित किया गया। यह दिन आत्मचिंतन और दान...
फुसरो, प्रतिनिधि। बुधवार को माघी अमावस्या-मौनी अमावस्या पर बेरमो के नदियों में श्रद्धालुओं ने स्नान किया। खासकर दामोदर नदी में ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे हुए थे। वहीं दूसरी ओर इस अवसर पूजा-पाठ भी किया गया। बाहर-दूर जाकर देवी-देवताओं के मंदिरों में भी जाकर काफी श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किये। बेरमो, चंदपुरा, गोमिया, नावाडीह व पेटरवार के ग्रामीण अंचलों तथा फुसरो शहर के भी श्रद्धालुओं ने आस्था दिखाई।
फुसरो के नया रोड हिन्दुस्तान पुल समीप दामोदर नदी तट स्थित शमशान काली मंदिर में बुधवार को माघी अमावस्या मौनी अमावस्या पूजा का आयोजन हुआ। पूजारी राकेश पांडेय व बिट्टू पांडेय ने मां काली की पूजा की जिसके बाद भक्तों ने दर्शन किए। पूजा के बाद खिचड़ी महाप्रसाद वितरित किया गया। यहां खिचड़ी महाप्रसाद का भोग अंगवाली निवासी आकाश मिश्रा एवं कल्याणी निवासी डीके गुहा व सिक्ता गुहा के द्वारा लगाया गया। पंडित राकेश पांडेय के अनुसार माघ अमावस्या यानी मौनी अमावस्या हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तिथि है। मौनी शब्द का अर्थ है मौन यानी चुप रहने से संबंधित है। इसे मौन रहने और आत्मचिंतन के लिए विशेष दिन माना जाता है। कहा कि मौनी अमावस्या के दिन नदियों में स्नान और दान धर्म आदि के कार्य करने से पापों का प्रायश्चित होता है। कहा कि अमावस्या के दिन काली पूजा करने से तनाव और संकट दूर होते हैं। साथ ही व्यक्ति को परेशानियों और कष्टों से मुक्ति मिलती है। बेरमो चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष आर उनेश, सह सचिव सूरज मित्तल, अनिल गुप्ता, पिंटू सिंह, रेणू सिन्हा, संजीव सिंह, देव कुमार सिंह, सुमित सिंह, सुशांत राईका, सोनू सिन्हा, कांति देवी आदि पहुंचे थे।
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