वैज्ञानिक विधि से कम जमीन पर भी हो सकता है फसलों का बेहतर उत्पादन : डॉ अनिल
वैज्ञानिक विधि से कम जमीन पर भी हो सकता है फसलों का बेहतर उत्पादन:डॉ अनिलवैज्ञानिक विधि से कम जमीन पर भी हो सकता है फसलों का बेहतर उत्पादन:डॉ अनिलवैज्

पेटरवार, प्रतिनिधि। जनसंख्या में लगातार हो रही वृद्धि के कारण कृषि कार्य के लिए भूमि का रकबा लगातार सिमटता जा रहा है। ऐसे परिस्थितियों में किसान अब कृषि के क्षेत्र में नई वैज्ञानिक तकनीकों का प्रयोग कर कम भूमि में भी फसलों का अधिक उत्पादन किया जा सकता है। उक्त बातें कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान व वरीय वैज्ञानिक डॉ अनिल कुमार ने हिन्दुस्तान के साथ बात करते हुए कही। डॉ अनिल ने कहा कि पेटरवार कृषि विज्ञान केंद्र में स्थापित किये गये एग्ने टेक्नोलॉजी पार्क जिले के किसानों के लिए रोल मॉडल बनता जा रहा है। यहां आधुनिक तकनीकों से लगाई गई जीवंत प्रदर्शनी एवं कृषि के क्षेत्रों में हुए विकास को किसानों के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। यहां कृषि एवं मुर्गी व मधुमक्खी पालने के सात तकनीकों के मॉडल तैयार कर फसलों की खेती की जा रही है। इसमें वर्टिकल गार्डन, सघन बागवानी, अजोला की खेती, प्राकृतिक खेती, कम लागत वाली बैकयार्ड मुर्गी पालन, बैकयार्ड मुर्गी पालन के लिए उपयुक्त ब्रिड, कम लागत के पोर्टेबल चूजा इकाई एवं मधुमक्खी पालन शामिल है। जिससे किसान एवं कृषि उद्यमी यहां की तकनीकों का अनुकरण कर अपने जीवन को बेहतर बना सकें। कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से स्थापित किये गये एग्रो टेक्नोलॉजी पार्क का उदेश्य किसानों को कृषि की नई तकनीकों से जोड़ना और किसानों की आय में बढ़ोतरी करना है।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती रसायन मुक्त और पशुधन आधारित है जो कृषि परिस्थितियों पर आधारित एक कृषि प्रणाली है जो फसलों, पेडों और पशुधन को एकीकृत करती है। जिसमें मिट्टी के जैव विविधता का उपयोग होता है। प्राकृतिक खेती किसानों की आय बढ़ाने की तकनीक है। प्राकृतिक खेती प्राकृतिक व पारिस्थितिक प्रक्रियाओं पर अधारित है, जो खेतों में या उसके आसपास मौजूद होती है। इसे अलावे मधुमक्खी पालन भी किसानों के आय का जरिया बन रहा है।
किसानों को दिया जा रहा है प्रशिक्षण: बताया कि इसके अलावे यहां किसानों को अत्याधुनिक कृषि पद्धति का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इसके अलावे कृषि वैज्ञानिकों के नए शोध की जानकारी भी किसानों को दी जा रही है। एग्रो टेकनोलॉजी पार्क का वर्टिकल गार्डन सिमित जमीन में अधिक पौधे उगाने की एक बेहतर तकनीक है। इस तकनीक से पौधे जमीन की जगह वर्टिकल स्पेस पर उगाये जा रहे हैं। पार्क में कुछ पौधों को हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से भी लगाये गये हैं। वर्टिकल गार्ड हाइड्रोपोनिकस छत पर बागवानी करने के लिए सर्वोत्तम तकनीक है। ये तकनीक अपार्टमेंट एवं शहरी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है। वहीं, वाणिज्यक और आवासीय स्थानों में इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है।
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