भक्तों की रक्षा करने को किसी ना किसी रूप में भगवान होते हैं प्रकट: आचार्य वशिष्ठ
भक्तों की रक्षा करने को किसी ना किसी रूप में भगवान होते हैं प्रकट: आचार्य वशिष्ठ भक्तों की रक्षा करने को किसी ना किसी रूप में भगवान होते हैं प्रकट: आच
धर्म जन जागरण समिति की ओर से वैशाली मोड़ मैदान में 8 दिवसीय श्रीमद भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के पंचम दिवस का शुभारंभ निवर्तमान विधायक बिरंची नारायण व कमलेश राय ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कथा में आचार्य वशिष्ठ देशमुख महाराज ने कृष्ण के बाल लीलाओं और गोवर्धन पूजा व छप्पन भोग की कथा की चर्चा की। महाराज ने कहा कन्हैया ने भक्तों के मन की चोरी की। उन्होंने बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए उपस्थित श्रोताओं को वात्सल्य प्रेम में सराबोर कर दिया। उन्होंने कहा भगवान कृष्ण के जन्म लेने पर कंस उनकी मृत्यु के लिए राज्य की सबसे बलवान राक्षसी पूतना को भेजता है। राक्षसी पूतना भेष बदलकर भगवान कृष्ण को अपने स्तन से जहरीला दूध पिलाने का प्रयास करती है, परंतु भगवान उसका वध कर देते हैं। इसी प्रकार कार्तिक माह में ब्रजवासी भगवान इंद्र को प्रसन्न करने के लिए पूजन कार्यक्रम की तैयारी करते हैं, परंतु भगवान कृष्ण उनको इंद्र की पूजा करने से मना कर देते हैं और गोवर्धन की पूजा करने के लिए कहते हैं। यह सुनकर भगवान इंद्र नाराज हो जाते हैं और गोकुल को बहाने के लिए भारी वर्षा करते हैं। इसे देखकर समस्त ब्रजवासी परेशान हो जाते हैं। भारी वर्षा को देखकर भगवान कृष्ण कनिष्ठ अंगुली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर सभी लोगों को उसके नीचे छिपा लेते हैं। भागवत कथा में छप्पन भोग और गोवर्धन पूजा का महत्व बताया। उन्होंने कहा भगवान अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए किसी ना किसी रूप में प्रकट होते है। कार्यक्रम में मुख्य यजमान योगेन्द्र कुमार चौधरी व शालिनी कुमारी सत्यम भारती,रवि शंकर, योगेंद्र कुमार, गौरांग चंद्र, मनीष कुमार पाण्डेय, कुलदीप कुमार, रामनरेश प्रसाद, गणेश अग्रवाल, सुजीत कुमार, गगन दास, अशोक महली शामिल रहे।
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