ऐतिहासिक फैसला आदिवासी समाज सुधार के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा: देव
पेटरवार में आदिवासी सेंगेल अभियान ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की। झारखंड प्रदेश अध्यक्ष देवनारायण मुर्मू ने कहा कि न्यायालय का फैसला आदिवासी समाज सुधार में महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने पूर्व सांसद...
पेटरवार, प्रतिनिधि। आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से पेटरवार बाजार टांड़ स्थित न्यू प्रभात होटल के पास शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। पत्रकारों को संबोधित करते हुए आदिवासी सेंगेल अभियान के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष देवनारायण मुर्मू ने कहा कि न्यायालय की ओर से दी गई ऐतिहासिक फैसला आदिवासी समाज सुधार के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। कहा कि आदिवासी संताल समाज में आज स्वशासन के नाम पर स्वशोषन और राजतांत्रिक व्यवस्था को सैकड़ों वर्षों से चला रहे लोगों और संगठनों को कोर्ट से मिला बड़ा झटका। कहा कि पूर्व सांसद सालखन मुर्मू को मांझी परगना महल के प्रमुख नेताओं दशमत हांसदा, दुर्गाचरण मुर्मू, सालखु मांझी और बैजू मुर्मू ने 6 दिसंबर 2015 को समाजिक बहिष्कार किया था। जिसके खिलाफ पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने 10 करोड़ रूपये का मानहानि मुकदमा संख्या 28/2016 जमशेदपुर सिविल कोर्ट में 6 फरवरी 2016 को दायर किया था। कहा कि सिविल जज सुशीला सोरेंग के कोर्ट ने 23 दिसंबर 2024 को सालखन मुर्मू के पक्ष में फैसला दिया और उपरोक्त चार प्रतिवादियों को 10 लाख रूपये 90 दिनों के अंदर भरने का आदेश दिया। प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि आदिवासी सेंगेल अभियान को उम्मीद है कि रुढ़ी प्रथा और परंपरा के नाम पर मांझी परगना महल जैसे संविधान, कानून और जनतंत्र विरोधी संगठन भोले भाले आदिवासी समाज को गुमराह करना बंद करें। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने मिठाई बांट कर खुशी का इजहार किया। प्रेस वार्ता में सेंगेल मांझी परगना मंडवा प्रदेश अध्यक्ष चन्द्र मोहन मार्डी, आदिवासी सेंगेल अभियान हजारीबाग जोनल हेड विजय टुडू, विजय कुमार मारंडी, कसमार प्रखंड अध्यक्ष विशेश्वर मुर्मू, पेटरवार प्रखंड संयोजक हरिश्चन्द्र मुर्मू, उतासारा पंचायत अध्यक्ष शिवचरण मारंडी, उपेन्द्र मुर्मू, चित मुनि मरांडी, बाहा मुनि मुर्मू, राजमुनी सोरेन, राजेश मरांडी, रतन बास्के मौजूद रहे।
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