उर्दू का इतिहास और विकास साहित्यिक धरोहर: रिजवी
जरीडीह बाजार, प्रतिनिधि।कुरपनिया मिल्लत क्लब के सामने डा जाकिर हुसैन भवन में अंजुमन तरक्की उर्दू हिंद बोकारो जिला की बैठक एडहॉक कमेटी के अध्यक्ष अफ
जरीडीह बाजार, प्रतिनिधि। कुरपनिया मिल्लत क्लब के सामने डा जाकिर हुसैन भवन में अंजुमन तरक्की उर्दू हिंद बोकारो जिला की बैठक एडहॉक कमेटी के अध्यक्ष अफजल अनीस की अध्यक्षता में की गई। अंजुमन तरक्की उर्दू हिंद झारखंड के अध्यक्ष एम जेड खान ने पर्यवेक्षक के रूप में अंजुमन तरक्की उर्दू धनबाद के अध्यक्ष एसएमए रिजवी को पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया था। रिजवी की उपस्थिति में अंजुमन तरक्की उर्दू हिंद बोकारो जिला कमेटी का चुनाव किया गया जिसमें अध्यक्ष अफजल अनीस, उपाध्यक्ष सुबोध सिंह पवार व मो मोहिउद्दीन, महासचिव अबुल कलाम, सह सचिव सलमान अख्तर व मो रईस आलम, प्रकाशन सचिव मास्टर मो असलम, कोषाध्यक्ष मो निजाम कादरी व सह कोषाध्यक्ष मिराज आलम तथा कार्यकारिणी सदस्य मो शहजादा, शफी अय्यूब, नसीम अहमद व अबुल रज्जाक नदवी को चुना गया।
पर्यवेक्षक रिजवी ने कहा उर्दू का इतिहास और विकास साहित्यिक धरोहर है क्योंकि उर्दू का उद्भव भारतीय उपमहाद्वीप में हुआ, जहां यह कई भाषाओं और संस्कृतियों के संगम से विकसित हुई। इसका आधार खड़ी बोली है, जिसमें फारसी, अरबी, तुर्की और संस्कृत के शब्द शामिल हैं। यह भाषा 12वीं शताब्दी के आसपास दिल्ली सल्तनत और मुगल काल के दौरान पनपी। अध्यक्षता कर रहे अनीस ने कहा कि उर्दू भाषा को अक्सर किसी एक कौम या विशेष समुदाय से जोड़ा जाता है, लेकिन यह धारणा ऐतिहासिक, सामाजिक और सांस्कृतिक तथ्यों के विपरीत है।
बद्रे आलम, मो जसीम, डा अबरारुल हक, मो जावेद अंसारी, लल्लू शेख, मो बलाल अंसारी, मो गुलाम, मो ओसामा, हबीबुर रहमान, मो पीर मोहम्मद, मास्टर असलम, मुन्ना सिंह, मो इनतेसार अहमद, मो अय्यूब, मो उस्मान, सरफराज हुसैन, अतहर आदम, मो रईस आलम, मो नेहाल आदि थे। शामी अनीस, वक्कार व मो सैफ आलम सक्रिय रहे।
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