बेरमो व डुमरी हॉट सीटों में दिग्गजों को सम्मान बचाने की चुनौती
बेरमो और डुमरी विधानसभा चुनाव में दिग्गजों के लिए सम्मान बचाने की चुनौती है। जयराम महतो की उम्मीदवारी ने इन सीटों को हॉट बना दिया है। बेरमो विधायक जयमंगल को पिता के सम्मान की रक्षा करनी है, जबकि...
बेरमो, प्रतिनिधि। बेरमो अनुमंडल अंतर्गत बेरमो विधानसभा तथा आधा हिस्सा पड़ने वाले डुमरी विधानसभा के लिए होने मतदान में दिग्गजों के समक्ष सम्मान बचाने की चुनौती है। और यह भी तय है कि इन दोनों विधानसभा में दो दिग्गजों के लिए जनता खूब बटन दबायेगी तो शेष दो से ज्यादा दिग्गजों का सम्मान बचना मुश्किल हो जायेगा। यह चुनाव कुछ प्रत्याशियों के लिए एक चुनौती है, जिससे इनका सम्मान और राजनीतिक भविष्य भी जुड़ा है।
जयराम की दमदार उम्मीदवारी से डुमरी व बेरमो बने हॉट सीट: जेएलकेएम के सुप्रीमो टाइगर जयराम कुमार महतो ने दो-दो विधानसभा डुमरी और बेरमो में अपनी दमदार उम्मीदवारी से जिस तरह रणभूमि का रंग बदल दिया, उससे ये दोनों ही सीट मानो हॉट सीट बन गए। वैसे तो बीते लोकसभा चुनाव में युवा नेता जयराम को गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में हार का मुंह देखना पड़ा था। परंतु डुमरी विधानसभा क्षेत्र से 90 हजार से ऊपर व बेरमो विधानसभा से 53 हजार से ज्यादा मत मिलने पर इन दोनों ही विधानसभा सीटों पर इनको जनता से और भी ज्यादा उम्मीद है।
बेरमो विधायक कुमार जयमंगल के लिए यह चुनाव चुनौती से भरी: बेरमो के युवा विधायक कुमार जयमंगल ऊर्फ अनुप सिंह को अपने पिता स्व राजेन्द्र प्रसाद सिंह के निधन के बाद उपचुनाव में 9 नवंबर 2020 में यह विधायकी मिली। पूर्व मंत्री ने इस सीट पर जीत का छक्का लगाया था। इसलिए दिवंगत पिता के सम्मान से जुड़ा होने के कारण कांग्रेस का गढ़ माने जानी वाली बेरमो सीट बचाना जयमंगल के लिए चुनौती से भरी जैसी है।
गिरिडीह से पांच बार सांसद रवींद्र पांडेय की प्रतिष्ठा बेरमो में दांव पर: गिरिडीह लोकसभा से पांच बार जीत का रिकॉर्ड बना चुके रवींद्र कुमार पाण्डेय पहली बार बतौर भाजपा प्रत्याशी बेरमो से विधायक का चुनाव लड़ रहे हैं। पार्टी ने 2019 व 2024 में लोकसभा टिकट से वंचित रखा था। और इस बार विधानसभा से मानो पार्टी व प्रत्याशी दोनों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।
डुमरी से जुड़ा हुआ है स्व जगरनाथ महतो का मान-सम्मान: डुमरी के दिग्गज झामुमो नेता पूर्व मंत्री टाइगर स्व जगरनाथ महतो ने चार बार डुमरी सीट जीती थी। उनके निधन के बाद ही उनकी पत्नी बेबी देवी डुमरी से उपचुनाव लड़ कर विधायक बनीं। और हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री बनाई गई। इंडिया महागठबंधन समर्थित झामुमो प्रत्याशी बेबी देवी का मुकाबला आजसू पार्टी के यशोदा देवी से ही हो रहा है। परंतु इस सीट पर जयराम महतो दोनों के बीच में आ गए हैं। यहां भी मुकाबला जबरदस्त हो गया है। ऐसे में बेबी देवी के लिए झामुमो की परंपरागत डुमरी सीट पति की प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ है।
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