Hindi Newsझारखंड न्यूज़बोकारोDivya Dhanyavati is running a household expense when she misses tuition

ट्यूशन छूटा तो मास्क बना घर खर्च चला रही दिव्यांग धन्यावती

चास नगर निगम क्षेत्र के वार्ड संख्या- 34 कुशलबंधा की 26 वर्षीय पैर से दिव्यांग धन्यावती कुमारी लॉकडाउन में स्वरोजगार के लिए लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बन गई हैं।  कोरोना वायरस से जारी लड़ाई में...

rupesh चास विश्वजीत झा, Sat, 30 May 2020 04:54 PM
share Share

चास नगर निगम क्षेत्र के वार्ड संख्या- 34 कुशलबंधा की 26 वर्षीय पैर से दिव्यांग धन्यावती कुमारी लॉकडाउन में स्वरोजगार के लिए लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बन गई हैं। 

कोरोना वायरस से जारी लड़ाई में जहां आमजनों का रोजी रोजगार प्रभावित है। वहीं, मास्क बनाकर इस संकट काल में धन्यावती परिवार का भरण-पोषण की जिम्मेदारी उठा रही हैं। परिवार के अन्य सदस्यों का जहां रोजी रोजगार लॉकडाउन का भेट चढ़ गया है। वहीं, धन्यावती इन दिनों पूरे परिवार का सहारा बन गई हैं। पूरा परिवार धन्यावती के साथ मिलकर मास्क बनाने में हाथ बंटा रहा है। धन्यावती कहती हैं कि मन के हारे हार व मन के जीते जीत होती है। कोरोना वायरस से पूरा विश्व जूझ रहा है। भारत कोरोना वायरस से डंटकर मुकाबला कर रहा है। आने वाले कुछ दिनों में कोरोना वायरस से जारी जंग भारत जीतेगा। लेकिन, इस दौरान संकट उत्पन्न होना स्वभाविक है। इस विकट परिस्थति में हमें कोरोना से जारी लड़ाई में सरकार का साथ देते हुए तय शर्तों के तहत जीना सीखना होगा।  

मन की खुशी के साथ मिला रोजगार  : पहले लॉकडाउन में क्षेत्र में मास्क की भारी किल्लत थी। बाजारों में अधिक रेट में मास्क मिल रहे थे। इसको लेकर धन्या सस्ते दर पर लोगों के बीच मास्क पहुंचाना शुरू की। जिसमें मन की खुशी के साथ अच्छा आय भी होने लगा।  

विकट परिस्थति में भी अवसर बनना सीखना होगा : लॉकडाउन से पूर्व धन्यावती घर-घर ट्यूशन पढ़ाकर अपना और अपने परिवार का गुजारा करती थीं। इसके साथ ही उसके बेहतर पढ़ाई को देखते हुए अभिभावक बच्चों को उसके घर भी भेजने लगे थे। लेकिन, लॉकडाउन के कारण बच्चे आना बंद कर दिए और वह ट्यूशन पढ़ाने से भी वंचित हो गई। ऐसे में उन्होंने समय की जरूरत को देखते हुए मास्क बनाना शुरू किया। धीरे-धीरे मास्क की लोकल बाजार में डिमांड को देखते हुए उसके परिजन भी इस काम में लग गए। अब चास के हर दुकान में धन्यावती का मास्क सहज ही देखा जा सकता है। उसको ऑर्डर भी मिलने लगे हैं। धन्यावती ने कहा मास्क बनाकर मार्केट में खपत करना भी किसी चुनौती से कम नहीं होता। शुरुआती दौर पर कुछ दिनों तक धन्यावती को इसमें परेशानी हुई, लेकिन इसके बाद अब घर में ही आर्डर मिलने लगे। मां भवानी स्लम डेवलपमेंट कमेटी सहित विभिन्न संगठनों ने धन्यावती को मास्क का बड़ा काम दिया है। इसके अलावा दुकानों में भी मांग बढ़ी है। 

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें