बेरोजगारी का दंश झेल रहे विद्युतनगरी के युवा
चन्द्रपुरा में चुनावी वादे कभी पूरे नहीं हुए हैं। बेरोजगारी और पलायन की समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया। कृषि प्रधान क्षेत्र में लोग मजदूरी के लिए दूसरे राज्यों में जा रहे हैं। औद्योगिक प्रतिष्ठानों की...
चन्द्रपुरा। चुनाव के वक्त बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं। इस पर अमल कभी भी नहीं होता। बेरमो व डुमरी विस क्षेत्र में पड़ने वाले चंद्रपुरा प्रखंड क्षेत्र का दुर्भाग्य है कि आज तक किसी भी सरकार या जनप्रतिनिधि ने युवाओं की बेरोजगारी व पलायन पर ध्यान नहीं दिया। चुनाव के वक्त कुछ समय के लिए यह मुद्दा बनता है पर इसे जल्द ही भुला दिया जाता। चंद्रपुरा प्रखंड मुख्य रूप से कृषि बहुल क्षेत्र है। यहां के लोग या तो खेतीबारी कर परिवार का जीविकोपार्जन करते हैं या फिर दूसरे प्रदेशों में जाकर मजदूरी करने को विवश हैं। चंद्रपुरा की पहचान डीवीसी थर्मल पावर प्लांट, बीसीसीएल की दुगदा कोल वाशरी, दामोदा कोलियरी, सेल रिफ्रैक्ट्रीज यूनिट भंडारीदह, सीसीएल की तारमी, कल्याणी परियोजना आदि की वजह से है। कांग्रेस के जमाने में स्थापित किए गए ये औद्योगिक प्रतिष्ठान आज स्वंय बदहाली में है। एक समय इन कल-कारखानों में आसपास के गांवों की एक बड़ी आबादी काम करती थी पर आज हालात वैसे नहीं है। चंद्रपुरा थर्मल प्लांट की चार पुरानी यूनिटें बंद की जा चुकी है। यहां पर नया प्लांट लागने की योजना तो है पर कब लगेगा जवाब किसी के पास नहीं है। फिलवक्त चंद्रपुरा थर्मल में स्थायी व अस्थायी मिलाकर यहां पर करीब डेढ़ हजार लोग काम कर रहे हैं। दुगदा कोल वाशरी प्लांट पूरी तरह से बंद हो चुका है। अन्य संस्थानों की भी दशा अच्छी नहीं है। यहां पर नया प्लांट लगाने का आज तक प्रयास नहीं किया गया। चंद्रपुरा के डुमरी विस क्षेत्र में पड़ने वाले 9 पंचायतों में तो दशा और भी खराब है। यहां के युवाओं को खेतीबारी में मन नही लगता। उड़ीसा, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब सहित दक्षिण के राज्यों में वे रोजगार के लिए जाने को विवश हैं। वहां पर वे हादसों के शिकार भी होते हैं।
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