Hindi Newsझारखंड न्यूज़बोकारोChandankiyari s 200-Year-Old Durga Puja Tradition Gears Up for Grand Celebration

200 वर्षों से चंदनकियारी में हो रही है पारंपरिक रीति रिवाज से दुर्गापूजा

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Newswrap हिन्दुस्तान, बोकारोMon, 7 Oct 2024 05:44 PM
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बोकारो जिले के चंदनकियारी नीचे बाजार में पिछले दो सौ साल से पारंपारिक रीति रिवाज से भव्य दुर्गा पूजा का आयोजन हो रहा है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भक्तों की आपार भीड़ उमड़ने की संभावना को देखते हुए मंदिर कमेटी की ओर से विशेष तैयारी की जा रही है। मंदिर के इतिहास की बात करें तो तत्कालीन जमींदार ओझा परिवार की ओर से ओझा टोला में मूर्ति स्थापित कर परिवार के सुख,शांति,समृद्वि व खुशहाली के लिए तीन वर्ष तक पूजा की। जिसके बाद ग्रामीणों के आग्रह और मां दुर्गा की भक्ति को देखते हुए यह परंपरा आगे बढ़ता चला गया। चंदनकियारी में निवास करने वाले बुजुर्गों की मानें तो उस समय अगल बगल कहीं कोई मेले का आयोजन नहीं होती थी। जिस कारण तीनों साल ओझा टोला में काफी संख्या में ग्रामीण पहुंचे और माता के समक्ष माथा टेकने पहुंचने लगे।

तभी ओझा परिवार ने सर्वसम्मति से मां दुर्गा के प्रति असीम आस्था को देखते हुए इसे आगे बढ़ाया। तभी चंदनकियारी के सोलहआना कमेटी की बैठक आहुत करके ओझाटोला से नीचे बाजार में पुआल व बांस के झोपड़ी में पूजा की शुरूआत की गई । आज उसी जगह पर बिशाल भव्य मंदिर में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना किया जा रहा है। जमींदार परिवार की ओर से शुरूआत होने के कारण व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए जिन जिन समुदाय का पूजा में योगदान था उनके लिए भूखंड की व्यवस्था की गई थी और सभी के कार्यो का विभाजन कर दिया गया था और आज तक बहुत कुछ पुरानी पद्यति लागु है। गोकुलबांध नामक तालाब से माता को बारी स्वरूप में सप्तमी तिथि को लाकर स्थापित किया जाता है। जहां सप्तमी,अष्टमी व नवमी तिथि को बंगला पंचांग के अनुसार विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है और उसी तालाब में बारी व माता की मूर्ति का विर्सजन करने की परंपरा है। मेले की खास बात संध्या आरती के समय धुना नाच,संधि पूजा का प्रसाद,नवमी तिथि को महामाया अपेरा का बंगला यात्रा,दशमी तिथि को एक खास समुदाय का पुरूष वर्ग साड़ी को धोतीनुमा बनाकर नाचने की परंपरा ,कंधे पर लादकर माता की मुर्ती का विर्सजन रहा है। चंदनकियारी पूर्वी व पश्चिमी पंचायत के मुखिया,समिति सदस्य,वार्ड सदस्य के साथ सभी 16 टोले की प्रबुद्व जनों की संचालन समिति की देखरेख में अनुकूल ओझा उर्फ दादा ठाकुर व्यवस्थापक की भुमिका में हैं जबकि विश्वजीत ओझा लाइसेंसधारी हैं।

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