बेरमो में बंद कोयला खदानें चालू करने को नहीं बढ़ रहे कदम
बेरमो में सीसीएल प्रबंधन पिछले कई वर्षों से कोयला खानों के विस्तार की कोशिश कर रहा है, लेकिन विस्थापन समस्या के कारण पिछरी और अंगवाली खदानें नहीं खुल पा रही हैं। इन खदानों के बंद होने से कोयला...
बेरमो, प्रतिनिधि। बेरमो कोयलांचल में पिछले कई वर्षों से लगातार सीसीएल प्रबंधन कोयला खानों के विस्तार के लिए प्रयासरत है। इस दिशा में वर्षों से बंद पड़ी ढोरी प्रक्षेत्र अंतर्गत पिछरी कोलियरी और अंगवाली कोयला खदान को खोलने के लिए हाथ-पांव मार रहा है। इसके बावजूद दामोदर नदी के दांये तट पर स्थित इन पोखरिया खदानों को विस्थापित समस्या के समाधान के अभाव में नहीं खोला जा सका है। हर साल इन कोलियरियों को खोलने की घोषणाएं होती हैं, विशेष रूप से पिछरी कोलियरी तो खुलने के मुहाने पर आकर भी नहीं खुल रही है। कहां तो इसे साल 2021 में खोलना तय था पर अभी दोनों कोलियरियां नहीं खुल पाईं। पिछरी कोलियरी जो अच्छी क्वालिटी के कोकिंग कोल के लिए जानी जाती है, उत्पादन खर्च अधिक होने की बात कह कर करीब 22 वर्ष पूर्व प्रबंधन ने बंद कर दिया था। इस खदान पर राष्ट्रीयकरण के पूर्व श्रीराम सिंह के मालिकाना हक था।
इसके अलावा सीसीएल की अति महत्वपूर्ण डीआरएंडआरडी यानी दामोदर नदी रेल विपथन परियोजना भी लंबे समय से अधर में है। जबकि इस परियोजना को मूर्त रूप में लाने के लिए अबतक करोड़ों रुपये खर्च किये जा चुके हैं। यहां तक कि कईयों को नियोजन भी दिया गया। और जिनको नियोजन मिला वे सेवानिवृत्त भी हो गए परंतु इस परियोजना को आज तक चालू नहीं किया जा सका। जबकि अगर यह परियोजना खुलती तो देश को काफी कोयला मिलता। राजस्व काफी आता। साथ ही बेरोजगारी भी दूर होती। परंतु अब इस ओर मानो प्रबंधन ने भी ध्यान देना बंद कर दिया है।
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