Hindi Newsझारखंड न्यूज़बोकारोBokaro: What will happen if councilors did not reach the meeting of Chas Municipal Corporation

बोकारो : जाने ऐसा क्या होगा कि चास नगर निगम की बैठक में नहीं पहुंचे पार्षद

चास नगर निगम में पार्षदों के नहीं पहुंचने के कारण बोर्ड बैठक रद्द कर दी गई। अधिकांश पार्षदों ने निगम की कार्यशैली पर सवाल उठाए। कहा कि बोर्ड बैठक की जानकारी दी ही नहीं गई। जबकि अपर नगर आयुक्त...

rupesh प्रतिनिधि, चास Thu, 23 April 2020 05:14 PM
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चास नगर निगम में पार्षदों के नहीं पहुंचने के कारण बोर्ड बैठक रद्द कर दी गई। अधिकांश पार्षदों ने निगम की कार्यशैली पर सवाल उठाए। कहा कि बोर्ड बैठक की जानकारी दी ही नहीं गई। जबकि अपर नगर आयुक्त शशि प्रकाश झा ने वार्डवार सभी पार्षदों को बैठक की सूचना देने की बात कही। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर बैठक का आयोजन जरूरी था। इससे वार्डवार कोरोना वायरस को लेकर जारी कार्य सहित वार्डवार कार्य योजना तैयार की जाती। 

निजी फायद के लिए बैठक करने का आरोप : इधर, अधिकांश पार्षदों ने निजी फायदा व फर्जी योजनाओं के भुगतान को लेकर बोर्ड बैठक बुलाने का आरोप मेयर व निगम के अधिकारियों पर लगाया। वार्ड पार्षद किशुनलाल गोप, मो. आजाद, नरेश प्रसाद, वंदना शर्मा सहित 25 से अधिक पार्षदों ने बताया कि बोर्ड बैठक की जानकारी नहीं मिली। 

कोरोना वायरस की कार्य योजना होनी थी चर्चा : मेयर भोलू पासवान ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर बोर्ड बैठक का आयोजन किया गया था। सभी वार्डों में आवश्यक गतिविधियों पर चर्चा की जानी थी। बैठक जरूरी थी। डिप्टी मेयर अविनाश कुमार ने बोर्ड बैठक को खानापूर्ति बताया।

स्वच्छता सर्वेक्षण में मिली पुरस्कार राशि से कैसे खरीदेंगे साइकिल : निगम पार्षद वंदना शर्मा, किशुनलाल गोप और नरेश प्रसाद ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण में मिली पुरस्कार राशि से पूर्व में ही योजनाओं का चयन कर लिया गया है। इसी माह टेंडर भी था। लेकिन, लॉकडाउन से टेंडर नहीं हो पाया है। अब इसी राशि को साइकिल खरीदने में निगम कैसे लगा सकता है। पार्षदों ने बताया कि अपर नगर आयुक्त ने पूर्व में बताया था कि विभाग की स्पष्ट गाइडलाइन है कि नाली, स्ट्रीट लाइट, चापाकल, सफाई उपकरण खरीदने में खर्च किया जा सकता है। इसको लेकर अधिकांश पार्षदों ने अपने वार्ड में नाली की अनुशंसा की थी।

एनजीओ के हवाले सफाई व्यवस्था :  पार्षद वंदना शर्मा ने निगम की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि वार्ड मोहल्लों सहित अन्य में सफाई व्यवस्था एनजीओ को दे दी गई है। सफाईकर्मियों को संबंधित कंपनी से साइकिल दिलाया जा सकती है। बावजूद पुरस्कार राशि को अन्य में खर्च करना है तो फिर निगम के अन्य कर्मी जिन्हें लगभग सात माह से वेतन नहीं मिला है, वैसे कर्मियों के बीच वेतन भुगतान करना सार्थक होगा। आखिर वे भी स्वच्छता स्र्वेक्षण में साथ थे।  

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