बोकारो सदर अस्पताल में खुद डिस्चार्ज करा अन्यत्र जा रहे हैं मरीज
बोकारो सदर अस्पताल में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की हड़ताल से चिकित्सकीय व्यवस्था चरमरा गई है। चार दिनों में 13 मरीजों को रेफर किया गया है, और सामान्य वार्ड में अधिकांश बेड खाली पड़े हैं। गंदगी और बदबू...

बोकारो, प्रतिनिधि। आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के बीते चार दिनों से चल रहे हड़ताल से सदर अस्पताल की चिकित्सकीय व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है। वार्ड में भर्ती मरीज व्यवस्था से तंग आकर खुद डिस्चार्ज कराकर जाने को विवश हैं। जेनरल वार्ड के अधिकांश बेड खाली पड़े हैं। चिकित्सकीय अव्यवस्था के कारण चार दिनों में 13 मरीजों को रेफर कर दिया गया। सदर अस्पताल की व्यवस्था ऐसी हो गयी है कि गंदगी व बदबू से चिकित्सक भी परेशान हैं। चिकित्सकों का कहना है कि चार दिनों से साफ-सफाई नहीं हुई है। संक्रमण का शिकार कोई हो सकता है। चिकित्सक खुद पर्ची काट रहे हैं और मरीजों का इलाज कर रहे हैं। गुरूवार को ओपीडी में कम मरीज नजर आएं। शाम सवा चार बजे उपाधीक्षक के चैंबर में ताला लटका नजर आया। जानकारी के मुताबिक साफ-सफाई करने के लिए बाहर से दो-तीन सफाईकर्मी पहुंचे, लेकिन हड़तालियों ने अंदर जाने से रोक दिया।
खाली पड़ा है जेनरल वार्ड : चिकित्सक व्यवस्था को देखकर कोई मरीज यहां भर्ती रहना नहीं चाहता हैं। जेनरल वार्ड के अधिकांश बेड खाली है। जानकारी के मुताबिक 7-8 मरीज खुद डिस्चार्ज कराकर घर चले गये या दूसरी जगह। मरीजों का कहना है कि बदबू से यहां रहना मुश्किल हो रहा है। इलाज का क्या होगा, संक्रमण के शिकार हो जाएंगे। लैट्रिन-बाथरूम जाम है। जहां मरीज हैं, बगल में भरा हुआ डस्टबीन है, फर्श पर गंदगी पड़ा हुआ है। खुद डिस्चार्ज कराकर जाने वालों में नावाडीह के आयुष कुमार, अराजू के मिस्टर प्रसाद, दुग्धा के चंदन तुरी, चास के चरकू सहित अन्य शामिल है। जानकारी के अनुसार चार दिन में 13 मरीजों को सदर से रेफर किया गया।
नहीं हो रहा है सिजेरियन: चार दिनों से अस्पताल में सिजेरियन ऑपरेशन बंद हैं। गंदगी देखकर ना मरीज यहां सिजेरियन कराने के पक्ष में हैं और ना ही चिकित्सक ऑपरेशन के लिए तैयार हो रहे हैं। प्रसव के दौरान गंदगी की साफ-सफाई कौन करेगा। लेबर रूम के बाहर गंदगी देखकर कोई ठहरा नहीं चाहता है।
सीओ व एलएस पहुंचे धरना स्थल: सिविल सर्जन कार्यालय के सामने जारीकर्मी दिन-रात धरना पर जमे हुए हैं। गुरूवार को दोहपर में चास सीओ धरना स्थल पर पहुंचे। वहीं, शाम में करीब चार बजे श्रमाधीक्षक रंजीत कुमार पहुंचे। हिन्दुस्तान को बताया कि बीते 27 फरवरी को कर्मियों की मांगों को लेकर वार्ता होनी थी, कंट्रैक्टर के अधिकारी नहीं उपस्थित हुए। कहा गया था कि होली से पहले दो महीने का बकाया वेतन का भुगतान 3 व 7 मार्च को कर दिया जाएगा। लेकिन तीन मार्च को वेतन भुगतान नहीं किया गया। कर्मियों से दावा पत्र मांगा गया है, होली से पहले दावा पत्र दाखिल किया जाएगा, कंपनी को मुआवजा सहित वेतन भुगतान करना पड़ेगा।
गुरूवार शाम करीब छह बजे नर्स व स्टाफ जहां बैठ रहे है, वहां खुद साफ-सफाई कर रहे थे। हड़ताल में शामिल सफाई कर्मी डस्टबीन के कचडे को चारों ओर छिट दिया। मजिस्ट्रेट खुद आकर देखे। बाहर के सफाईकर्मियों को साफ-सफाई करने से रोका जा रहा है। कर्मियों की मांगों पर रोजाना वार्ता हो रही है। हर रोज उपायुक्त व एसडीओ को स्थिति से अवगत कराया जाता है। हम अपने स्तर से लगे हुए हैं।
डॉ अभय भूषण प्रसाद, सिविल सर्जन, बोकारो।
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