टुसू पर्व झारखंड की जीवंत सांस्कृतिक धरोहर है : केशव महतो
झारखंड का टुसू पर्व अपनी सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने का प्रतीक है। आदित्यपुर में आयोजित मेले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो और विधायक ममता देवी ने सांस्कृतिक महत्व पर जोर दिया। मेले में...
झारखंड की जीवंत सांस्कृतिक धरोहर टुसू पर्व है। झारखंडी अपनी परंपरा, संस्कृति, भाषा और गीत को बचाए रखें। यह बातें शनिवार को आदित्यपुर के फुटबॉल मैदान में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो ने कहीं। मौका था टुसू मेला के आयोजन का। वे सार्वजनिक टुसू पूजा कमेटी के तत्वावधान में आयोजित मेले में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। मेले में रामगढ़ की विधायक ममता देवी शामिल हुईं। इस दौरान टुसू पूजा समिति के संस्थापक दीपेन महतो को श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। विशिष्ट अतिथि के रूप में आरके सिन्हा, पूर्व सांसद सुमन महतो, ओड़िशा कुड़मी सेना के अध्यक्ष भी पहुंचे। मेले में तीन राज्यों की टुसू प्रतिमाएं शामिल हुईं। बेहतर प्रतिमाओं को पुरस्कृत किया गया। इसमें प्रथम पुरस्कार के रूप में 25 हजार, द्वितीय पुरस्कार के रूप में 15 हजार, तृतीय पुरस्कार के रूप में 11 हजार तथा चतुर्थ पुरस्कार के रूप में 7 हजार रुपये दिये गये। रामगढ़ की विधायक ममता देवी ने कहा कि आदित्यपुर फुटबॉल मैदान में आयोजित टुसू मेला में उमड़ा जनसैलाब यह बता रहा है कि झारखंड के लोग अपनी संस्कृति से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि हम टुसू पर्व में मां लक्ष्मी के रूप में टुसू मां की पूजा अर्चना करते हैं। कार्यक्रम को सफल बनाने में रितेन महतो समेत पूजा कमेटी के लोगों ने योगदान दिया।
कार्यक्रम के दौरान बंगाल के मशहुर झुमर गायक बादल पॉल के गीतों पर टुसू मेला में शामिल लोग जमकर झूमे। टूसू की बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं फुटबॉल मैदान पहुंची थी। जहां टूसू कमेटियों के सदस्य भी झारखंड की संस्कृति पर आधारित नृत्य और गीत पर झूमते दिखे।
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