लातेहार के बेतला अभ्यारण से भटकर आया है चांडिल में घूम रहा बाघ!
चांडिल के तुलग्राम जंगल में एक बाघ घूम रहा है, जो बेतला अभ्यारण से भटक आया है। इस बाघ में कोई चिप नहीं है, जिससे इसकी पहचान में कठिनाई हो रही है। बाघ ने एक सूमो पर हमला किया, लेकिन सूमो सवार बाल-बाल...
चांडिल, संवाददाता। जिले के चौका के तुलग्राम जंगल से निकल चांडिल में घूम रहा बाघ बेतला अभ्यारण का है। वह लातेहार एवं पलामू के जंगल बेतला अभ्यारण से भटक कर आ गया है। सूत्रों की मानें तो ओडिशा व प. बंगाल के सुंदरवन में मौजूद बाघ में चिप लगा होता है, जिससे उसकी संख्या एवं गतिविधि की जानकारी विभाग को मिलती रहती है। वहीं, चांडिल में भटक रहे बाघ में कोई चिप नहीं लगा है। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि हो न हो यह बाघ बेतला अभ्यारण से ही भटक कर चांडिल आ गया है। हालांकि, इस संबंध में विभाग कुछ भी बोलने से बच रहा है।
सूमो सवार पर बाघ के हमले की टीम ने की जांच : बाघ द्वारा मंगलवार रात चांडिल गोलचक्कर के पास रूदिया-दौड़दा मार्ग पर सूमो सवार पर हमला किये जाने के दूसरे दिन बुधवार को वन विभाग की टीम घटनास्थल पहुंची। टीम ने मामले की जानकारी ली। बाघ के हमले में सूमो सवार बाल-बाल बच गये थे। इधर, बाघ द्वारा हमला किये जाने से चैनपुर गांव के लोग पास के जंगल में नहीं गये। शाम ढलने के बाद अपने-अपने घरों में ही रहना मुनासिब समझा।
नौ दिनों बाद भी बाघ को नहीं पकड़ पाया वन विभाग : चौका के बाद चांडिल में घूम रहे बाघ को नौ दिनों बाद भी वन विभाग नहीं पकड़ पाया है। तुलग्राम एवं बालीडीह में लगाये गये ट्रैकिंग कैमरे को भी विभाग खोलकर चांडिल वन कार्यालय ले आया है। बुधवार को भी विभाग को बाघ की कोई जानकारी नहीं मिल सकी। तुलग्राम के जंगल में बाघ द्वारा दो मवेशियों का शिकार किये जाने की घटना के बाद से अभी भी ग्रामीण तुलग्राम एवं बालीडीह जंगल में जाने से परहेज कर रहे हैं।
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