गम्हरिया अंचल : दो माह बाद शुरू हुआ झारनेट, लेकिन नहीं हो रहे मामले निष्पादित, जाने क्यों
आदित्यपुर में झारनेट सर्वर डाउन होने के कारण गम्हरिया अंचल में लगभग 350 दखल खारिज के मामले लंबित हैं। 29 सितंबर से सर्वर ठप है, चुनाव परिणामों के बाद भी काम नहीं हो पा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि...
आदित्यपुर। राज्यव्यापी झारनेट सर्वर डाउन होने की वजह से गम्हरिया अंचल में दखल खारिज संबंधित करीब 350 मामले लंबित है। बता दें कि आचार संहिता लगने के पहले 29 सितंबर से पूरे राज्य में झारनेट का सर्वर बैठ गया था। चुनाव परिणाम आने के बाद सर्वर तो ठीक हुआ लेकिन मामलों का निष्पादन नहीं हो पा रहा है। इसका मुख्य वजह सर्वर स्लो होना बताया जा रहा है। अधिकारी घंटों लैपटॉप पर बैठे समय बीता रहे है लेकिन काम नहीं हो रहा है। इस वजह अंचल कार्यालय में काम का बोझ दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। बता दें कि दखल खारिज, जमीन सीमांकन आदि का काम झारनेट के माध्यम से ही होता है, लेकिन झारनेट सेवा शुरू तो हुआ लेकिन सर्वर इतना स्लो है कि एक फाइल का निष्पादन करने में अधिकारी के पसीने छूट रहे है। काम नहीं हो पाने के कारण प्रतिदिन सैकड़ों लोग कार्यालय का चक्कर लगाने को विवश है। बता दें कि सितंबर के अंतिम सप्ताह में अचानक झारनेट का सर्वर डाउन हो गया था, इसी बीच चुनाव की घोषणा के बाद अधिकारी चुनावी कार्य में लग गए थे। 23 तारीख को चुनाव परिणाम आने के बाद अधिकारी कार्यालय में बैठना तो शुरू किया लेकिन झारनेट के कारण काम नहीं कर पा रहे है। जिसकी वजह से लंबित मामलों का निष्पादन नहीं हो पा रहा है। इधर मामले को लेकर अंचलाधिकारी अरविंद कुमार बेदिया ने बताया कि सर्वर ठीक होने के उपरांत फाइलों को निपटारा ढंग से हो पाएगा।
नहीं हो रहा डाउनलोड और अपलोड
रजिस्ट्री के उपरांत म्यूटेशन के लिए आनेवाले मामलों के दस्तावेज अपलोड नहीं हो पा रहा है, परिणाम स्वरूप वैसे मामले भी लंबित हो रहे है, जो भूखंड का निबंधन होने के उपरांत स्वत म्यूटेशन के लिए ऑनलाइन अंचल में भेजी जाती है।
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