24 साल गुजर गए, नहीं दूर हुआ डैम का अंधियारा
झारखंड के चांडिल डैम में 24 वर्षों बाद भी उचित रोशनी की कमी बनी हुई है। करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद शाम होते ही डैम और नौका विहार स्थल अंधेरे में डूब जाते हैं। इससे पर्यटकों को असुरक्षा का अनुभव...
झारखंड बनने के 24 वर्ष बाद भी चांडिल डैम का अंधियारा दूर नहीं हो सका। चांडिल डैम एवं नौका विहार स्थल को रौशनी से चकाचौंध करने के नाम पर करोड़ों रूपया खर्च कर दिये गये, परंतु चांडिल डैम रौशन नहीं हो सका। शाम ढलने के बाद चांडिल डैम एवं नौका विहार स्थल पर अंधेरा पसर जाता है। जिस कारण चांडिल डैम आने वाले पर्यटक शाम का आनंद नहीं उठा पाते हैं,और अपने को असुरक्षित महसूस करते हैं। कई बार चांडिल डैम में शाम ढलने के बाद गजराज का आगमन हो चुका है,इसके बावजूद विभाग इस ओर ध्यान नहीं दिया। जबकी चांडिल डैम मुख्य पर्यटन स्थलों में एक है। एक माह बाद पिकनीक का मौसम दस्तक देने वाला है। ऐसे में विभाग समय रहते ध्यान देने की जरूरत है जिससे चांडिल डैम पर्यटकों से गुलजार हो सके।
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