तीन लाख खर्च पर बूंद-बूंद को तरस रहे है लोग
लोगों को शुद्ध पानी पिलाने के लिए सरकार करोड़ों रूपया खर्च कर योजनाओं को धरातल पर उतारने का प्रयास किया परंतु विभागीय लापरवाही
चांडिल,संवाददाता। सरकार ने लोगों को शुद्ध पानी पिलाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर योजनाओं को धरातल पर उतारने का प्रयास किया, पर विभागीय शिथिलता के कारण लाभ लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है। 14वें वित्त आयोग के तहत चांडिल डैम रोड स्थित बामनी नदी एवं अनुमंडल कार्यालय के पास करीब तीन लाख की लागत से सोलर जलमीनार लगायी गयी। लेकिन, कुछ ही दिनों के बाद सोलर जलमीनार ने पानी उगलना बंद कर दिया। इस दिशा में स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कभी आवाज नहीं उठायी। ग्रामीणों ने बताया कि आपसी बंदरबांट के कारण यह सोलर जलमीनार अनियमितता का शिकार हो गया। वहीं, अधिक मुनाफा अर्जित करने उद्देश्य से जलमीनार की गुणवता के साथ समझौता किया गया। ग्रामीणों ने दोषियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की मांग की है।
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