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टायो कॉलोनी परिसर के कंडम फ्लैट भरभराकर गिरे, हताहत नहीं

गम्हरिया में टायो रोल्स कॉलोनी के दो जर्जर ब्लॉक के 8 फ्लैट गिर गए। पहले से कंडम घोषित फ्लैट होने के कारण जानमाल की हानि नहीं हुई। कर्मचारियों ने समय रहते सामान निकाल लिया। निवासियों ने कंपनी प्रबंधन...

Newswrap हिन्दुस्तान, आदित्यपुरTue, 28 Jan 2025 03:21 AM
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टायो कॉलोनी परिसर के कंडम फ्लैट भरभराकर गिरे, हताहत नहीं

गम्हरिया, संवाददाता। गम्हरिया स्थित टायो रोल्स के कॉलोनी परिसर स्थित ई-टाइप के दो जर्जर ब्लॉक के 8 फ्लैट भरभराकर गिर गये। यह गनीमत रही कि पहले से कंडम घोषित फ्लैट के गिरने से जानमाल की क्षति नहीं हुई। बताया गया कि पहले फ्लैट का हिस्सा रविवार से ही टूटकर गिरने लगा था। इससे उसमें रह रहे कर्मचारी सतर्क हो गए और समय रहते जरूरी सामान को निकाल सुरक्षित स्थान पर चले गए। बावजूद इसके कुछ लोगों के घर का सामान अभी भी मलबे में दबा हुआ है।

वहां रहनेवाले लोगों ने बताया कि फ्लैट का निर्माण बगैर पिलर दिये ही कराया गया था। टायो रोल्स कंपनी बंद होने के बाद इसका रख-रखाव नहीं होने से स्थिति और भी जर्जर हो गयी थी। इसे लेकर निवासियों ने कई बार कंपनी प्रबंधन से शिकायत की थी, पर ध्यान नहीं दिया गया। टायो संघर्ष समिति के अजय शर्मा ने बताया कि प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद इसमें रह रहे परिवार को दूसरी बिल्डिंग में शिफ्ट कराया गया है। जबकि करीब तीन से चार परिवार का सामान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है।

¹फ्लैट में रहते थे सात परिवार : बताया जाता है कि इस फ्लैट में सात कर्मचारियों का परिवार रहता था। इनमें सुनील मिश्रा, आसित ठाकुर, नंदजी, झुन्झुन पांडेय, गुरु चरण महतो, परेश महतो समेत अन्य कर्मचारियों का परिवार शामिल हैं। इधर, घटना की जानकारी मिलते ही आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम मौके पर पहुंच गई। टीम ने स्थिति का जायजा लिया और क्षेत्र को सुरक्षित करने का काम शुरू कर दिया है।

कॉलोनी में रह रहे बंद टायो रोल्स कंपनी के 127 परिवार

टायो रोल्स कंपनी के बंद हुए करीब 9 साल बीत गये हैं। वर्ष 2016 में बंद हुई कंपनी के 127 कर्मचारी अपने परिवार के साथ टायो कॉलोनी के क्वार्टरों में रह रहे हैं। बताया गया कि वे सभी कंपनी से अभी तक सेटलमेंट नहीं लिए हैं। टायो संघर्ष समिति के अजय शर्मा ने बताया कि टायो रोल्स कंपनी भले ही भौतिक रूप से बंद है, पर कागज पर अभी भी चल रही है। उनकी मांगें कंपनी को सुचारू रूप से चलाने एवं सभी 127 कामगारों को काम देने की है। यही वजह है कि सभी कामगार इस जर्जर भवन में जान जोखिम में डाल रहने को विवश हैं। उन्होंने बताया कि अन्य क्वार्टर भी जर्जर स्थिति में पहुंच गये हैं।

पहले से ही असुरक्षित घोषित कर दी गयी थीं इमारतें : टाटा स्टील

इधर, टाटा स्टील प्रबंधन ने घटना पर प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि इन इमारतों के गिरने से किसी प्रकार के जान माल की हानि नहीं हुई है। ये इमारतें पहले से खाली थीं, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। जबकि टाटा स्टील की ओर से स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि क्षेत्र पूरी तरह सुरक्षित रहे। कहा गया है कि दो जर्जर इमारतें ढह गईं। यह इमारतें टायो रोल्स कंपनी की थीं और पहले ही असुरक्षित तथा रहने के लिए अनुपयुक्त घोषित कर दी गयी थीं।

मामले की उच्च स्तरीय हो जांच

इधर, पूर्व विधायक अरविंद सिंह ने इसे गंभीर मामला बताते हुए जिला प्रशासन से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह किसी बड़े हादसे को आमंत्रण दे रहा था। उन्होंने जिन कर्मचारियों के सामान की क्षति हुई है, उसे क्षतिपूर्ति देने की मांग की है।

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