Hindi Newsजम्मू और कश्मीर न्यूज़baramulla grenade attack Protestors block Rajouri-Poonch highway demands compensation and job

बारामूला ग्रेनेड हमलाः प्रदर्शनकारियों ने राजौरी-पुंछ हाईवे किया जाम, पीड़ित परिवार को नौकरी और मुआवजे की मांग

बारामूला में शराब की दुकान पर ग्रेनेड हमले में रंजीत सिंह नाम के शख्स की मौत हो गई है। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने राजौरी-पुंछ हाईवे जाम कर दिया। उन्होंने पीड़ित परिवार के लिए नौकरी- मुआवजे की मांग की।

Gaurav Kala हिन्दुस्तान टाइम्स, जम्मूWed, 18 May 2022 03:53 PM
share Share

जम्मू कश्मीर के बारामूला में शराब की दुकान के अंदर ग्रेनेड हमले में मारे गए 52 वर्षीय रंजीत सिंह के परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और दोस्तों सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने बुधवार सुबह सुंदरबनी में राजौरी-पुंछ राजमार्ग को तीन घंटे से अधिक समय तक जाम रखा। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों के खिलाफ नारेबाजी और स्थानीय प्रशासन पर आक्रोश जताया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि स्थानीय प्रशासन अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में लगातार विफल साबित हो रहा है। इस दौरान रंजीत सिंह के परिवार को 25 लाख रुपए मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग भी की गई।

राजौरी-पुंछ राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम करके गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान और पाक प्रायोजित आतंकियों के खिलाफ नारे लगाए। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यकों को विफल करने के लिए प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। उनका कहना था कि रंजीत सिंह अपने घर में इकलौता कमाने वाला था। उनकी मौत के बाद परिवार का क्या होगा? उनके परिवार में पत्नी, चार बेटियां और एक बेटा है। 

स्थानीय नेताओं ने मांग की कि सरकार परिवार के एक सदस्य को 25 लाख रुपये का मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की घोषणा करे। उन्होंने कहा कि “रंजीत सिंह अपने परिवार के लिए आजीविका कमाने के लिए बारामूला गया था। वह अपने पीछे पत्नी, चार बेटियां और एक बेटा छोड़ गए हैं। उनकी देखभाल कौन करेगा।” बताते चलें कि रंजीत सिंह सुंदरबनी के भाकर गांव का रहने वाला था और हाल ही में बारामूला में शराब की दुकान पर काम करने लगा था।

अधिकारियों के आश्वासन पर माने प्रदर्शनकारी
उग्र प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे। काफी देर मान-मनौव्वल के बाद  प्रदर्शनकारियों ने नाकाबंदी हटाई और रंजीत के पैतृक गांव भाकर में शव का अंतिम संस्कार किया गया।
 
राजौरी के एसएसपी मोहम्मद असलम चौधरी ने कहा, “हमने प्रदर्शनकारियों को शांत किया और आखिरकार उन्होंने नाकाबंदी हटा ली। बाद में मृतक के शव का उसके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया।" उन्होंने कहा, "जहां तक ​​मुआवजे और नौकरी की मांग का सवाल है, पीड़ित परिवार को आतंकवाद का शिकार होने वाले नागरिकों के लिए निर्धारित मानदंडों के अनुसार राहत प्रदान की जाएगी।"

गौरतलब है कि मंगलवार की रात बुर्का पहने एक आतंकी ने शराब की दुकान के अंदर ग्रेनेड फेंका जिसमें रंजीत सिंह और चार अन्य मजदूर घायल हो गए थे। हादसे में रंजीत सिंह ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया, जबकि तीन घायलों में से एक की हालत गंभीर बनी हुई है। बाकियों की पहचान गोवर्धन सिंह और रवि कुमार के रूप में हुई है, ये दोनों बिलावर (कठुआ) के निवासी हैं जबकि गोविंद सिंह राजौरी के रहने वाले हैं। गोविंद सिंह की हालत गंभीर बनी हुई है और उन्हें शेर-ए-कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान रेफर किया गया है।

आतंकी संगठनों की धमकी
बता दें कि यह शराब की दुकान करीब एक सप्ताह पहले ही खोली गई थी। कश्मीर में द रेसिस्टेंस फ्रंट, कश्मीर टाइगर्स, जम्मू-कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स, लश्कर और हिजबुल मुजाहिदीन समेत कई आतंकी संगठनों ने शराब की दुकानों पर हमले की धमकी दी है.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, 'मैं बारामूला के दीवान बाग में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। रंजीत सिंह के परिवार के प्रति मेरी गहरी और हार्दिक संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। इस जघन्य आतंकी हमले के दोषियों को दंडित किया जाएगा।"

पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता ने कहा, “जम्मू-कश्मीर के स्वतंत्रता सेनानियों के आतंकवादी संगठन ने बारामूला में एक शराब की दुकान पर फिर से हमला किया है जिसमें राजौरी के रंजीत सिंह की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए। अल्पसंख्यकों को निशाना बनाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हालांकि सुरक्षा बल उनसे (हमलावरों से) निपटेंगे, लेकिन ये हमले आगामी अमरनाथ यात्रा और पर्यटन सीजन को देखते हुए चिंता का विषय हैं।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें