फ्लाइट और ट्रेनें सस्पेंड, बिजली भी ठप; कश्मीर में बर्फबारी ने कहां-कहां बढ़ाईं मुश्किलें
- जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) को भारी बर्फबारी के चलते यातायात के लिए बंद कर दिया गया। नई सुरंग क्षेत्र में हालात कठिन होने के कारण सड़क साफ करने का काम बाधित रहा।
कश्मीर घाटी में शनिवार को भारी बर्फबारी (हिमपात) के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया। अधिकारियों ने बताया कि बर्फबारी के कारण विमान और रेल परिचालन बाधित हुआ तथा श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग भी बंद करना पड़ा। शुक्रवार से कश्मीर में मध्यम से भारी बर्फबारी दर्ज की गई, जिसमें श्रीनगर शहर और घाटी के अन्य मैदानी इलाकों में मौसम की पहली बर्फबारी भी शामिल है। श्रीनगर में ये मौसम की पहली बर्फबारी है। दक्षिण और मध्य कश्मीर में मध्यम से भारी बर्फबारी दर्ज की गई। श्रीनगर में लगभग 8 इंच बर्फबारी हुई, जबकि गांदरबल और सोनमर्ग में 7-8 इंच बर्फबारी हुई। श्रीनगर-लेह राजमार्ग के जोजिला क्षेत्र में 15 इंच बर्फबारी दर्ज की गई, और अनंतनाग जिले के कुछ क्षेत्रों में 17 इंच तक बर्फबारी हुई। पहलगाम, पुलवामा, शोपियां और अन्य इलाकों में भी भारी बर्फबारी के कारण व्यापक व्यवधान हुआ।
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) को भारी बर्फबारी के चलते यातायात के लिए बंद कर दिया गया। नई सुरंग क्षेत्र में हालात कठिन होने के कारण सड़क साफ करने का काम बाधित रहा। बनिहाल-बारामुला रेल खंड पर रेल सेवाएं निलंबित कर दी गईं। इसके अलावा, श्रीनगर से आने-जाने वाली लगभग 80% उड़ानें रद्द कर दी गईं।
बिजली आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई। घाटी में 33 केवी स्तर के 41 और 11 केवी स्तर के 739 फीडर ठप हो गए। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आश्वासन दिया कि बहाली का काम जारी है और 90% फीडर शाम तक बहाल होने की उम्मीद है। अस्पतालों की ओर जाने वाली सड़कों को खोलने का प्रयास जारी है, लेकिन कई अंदरूनी सड़कें अभी भी अवरुद्ध हैं। मोटर चालकों को फिसलन भरी सड़कों पर चलने में काफी परेशानी हो रही है।
फिलहाल कश्मीर 'चिल्लई-कलां' के दौर से गुजर रहा है, जो सर्दियों का सबसे कठोर समय है और 21 दिसंबर से शुरू होता है। मौसम विभाग ने घाटी में न्यूनतम तापमान में सुधार दर्ज किया। श्रीनगर का न्यूनतम तापमान पिछले रात के -7.3°C से बढ़कर -1°C तक पहुंच गया। अधिकारियों ने बताया कि पुलवामा जिले में 10-15 इंच बर्फबारी दर्ज की गई, जबकि पड़ोसी कुलगाम में 18-25 इंच और शोपियां में लगभग 18 इंच हिमपात देखा गया।
हिमपात से स्थानीय लोग और पर्यटकों तो खुश दिखे, लेकिन इससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हो गया। यातायात विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बर्फबारी के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-44) यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि भारी हिमपात के कारण नवयुग सुरंग में बर्फ हटाने का काम बाधित हो रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे मौसम में सुधार होने और सड़क साफ होने तक गैरजरूरी यात्रा न करें। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि पटरियों पर भारी बर्फ जमा होने के कारण बनिहाल-बारामूला खंड पर ट्रेन सेवाएं स्थगित कर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि पटरियों से बर्फ हटाने के प्रयास जारी हैं।
हवाई अड्डे के अधिकारियों ने बताया कि बर्फबारी से हवाई अड्डे पर विमान परिचालन स्थगित हो जाने के कारण श्रीनगर से आने-जाने वाली उड़ानों पर भी असर पड़ा है। अधिकारियों ने बताया, "खराब मौसम के कारण श्रीनगर हवाई अड्डे पर सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। सुबह से हवाई अड्डे पर कोई भी उड़ान परिचालन नहीं हो सका।" हवाई अड्डे के अधिकारियों ने बताया कि बर्फ हटाने का काम जारी है, रनवे साफ हो गया है और मौसम में सुधार होने के बाद ही परिचालन फिर से शुरू हो सकता है।
शुक्रवार शाम से हवाई अड्डे पर उड़ान परिचालन प्रभावित है। अधिकारियों ने बताया कि बर्फबारी के कारण घाटी के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। लगातार हिमपात के बाद जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है, जिससे छोटे और बड़े सहित करीब 200 वाहन मार्ग पर फंस गए हैं। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
यातायात पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, "जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग बंद है। नवयुग सुरंग क्षेत्र में भारी बर्फबारी के कारण बर्फ हटाने का काम बाधित हो रहा है। राजमार्ग से बर्फ हटाने के लिए लोग काम कर रहे हैं और मशीनों की मदद ली जा रही है।" अधिकारियों ने बताया कि राजमार्ग बंद होने के कारण यातायात अधिकारी नगरोटा और उधमपुर से कश्मीर जाने वाले वाहनों को अनुमति नहीं दे रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि जम्मू क्षेत्र के पुंछ जिले से कश्मीर घाटी को जोड़ने वाला मुगल रोड को भी बर्फ जमा होने के कारण बंद कर दिया गया है। इसी तरह किश्तवाड़ में सिंथन दर्रे को भी लगातार हिमपात के कारण वाहनों के आवागमन के लिए बंद कर दिया गया है।
(इनपुट एजेंसी)
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