J-K में दरबार मूव? DY CM बोले- अभी अधूरा है, विशेष दर्जा बिल पास कराने पर गर्व
- इस मूव के तहत राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर से कर्मचारी व अफसर शिफ्ट होकर शीतकालीन राजधानी जम्मू में आ जाते हैं। हालांकि इस शिफ्ट का केवल नाम बदल दिया गया है बाकी इसकी प्रक्रिया वैसी ही रखी गई है। पहले जहां इसे दरबार मूव कहा जाता था वहीं अब इस इसे प्रशासनिक मूव कहा जाता है।
विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार जम्मू कश्मीर की मंत्रीपरिषद ने प्रशासनिक मूव के साथ जम्मू के नागरिक सचिवालय का दौरा किया। उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने इस मौके पर कहा कि सरकार गठन के बाद यह पहली बार है जब सीएम अब्दुल्ला के नेतृत्व में मंत्रीपरिषद अधूरे दरबार मूव के साथ यहां आई है। शेर-ए-कश्मीर भवन में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए चौधरी ने कहा कि सरकार बनने के बाद हम यहां पहली बार आए हैं। ‘अधूरे दरबार मूव’ के साथ आज हम मुख्यमंत्री समेत नागरिक सचिवालय में बैठे हैं।
चौधरी ने कहा कि कई सालों बाद एक चुनी हुई सरकार ने अपनी जगह ली है। सालों बाद श्रीनगर में विधायिका का एक संक्षिप्त सत्र आयोजित किया गया। लोगों ने नई सरकार से उम्मीद लगा रखी है। अपनी चुनी हुई सरकार से उन्हें मिलने की आशा और उम्मीद भी है क्योंकि पिछले कुछ सालों की प्रणाली ( नौकरशाही) उन्हें रास नहीं आई है।
क्या है दरबार मूव, जिसका बदल दिया गया नाम
जम्मू-कश्मीर प्रशासन की डेढ़ सो साल पुरानी दरबार मूव की व्यवस्था को 370 हटा दिए जाने के बाद बंद कर दिया गया था। इस मूव के तहत राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर से कर्मचारी व अफसर शिफ्ट होकर शीतकालीन राजधानी जम्मू में आ जाते हैं। हालांकि इस शिफ्ट का केवल नाम बदल दिया गया है बाकी इसकी प्रक्रिया वैसी ही रखी गई है। पहले जहां इसे दरबार मूव कहा जाता था वहीं अब इस इसे ‘प्रशासनिक मूव’ कहा जाता है।
स्पेशल स्टेटस बिल पास कराने पर गर्व- चौधरी
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हमें गर्व है कि हमनें सरकार के पहले ही विधानसभा सत्र में जम्मू-कश्मीर के लिए स्पेशल स्टेटस बिल पास कराया है। हमें गर्व है कि इस बिल को पास कराने का सौभाग्य हमें मिला।
चौधरी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का हर एक व्यक्ति, चाहे वह व्यापारी हो, युवा हो, उद्योगपति हो या यहां तक कि एक बच्चा भी, विशेष दर्जा चाहता है ताकि जम्मू-कश्मीर के लोगों की नौकरियों और जमीन की रक्षा की जा सके। धर्म से ऊपर उठकर यह हिंदू, मुसलमान, ईसाई सभी धर्मों के लोग स्पेशल स्टेटस चाहते हैं।
बीजेपी विधायकों को निशाने पर लेते हुए चौधरी ने कहा की विधानसभा में बैठे हुए भाजपा के 28 विधायक भी अंदर ही अंदर बिशेष दर्जे की चाहत रखते हैं। मैं तो कहता हूं कि आप उनका टेस्ट करा लीजिए अंदर मन से वह भी चाहते हैं कि विशेष दर्जा मिले।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।