Hindi Newsविदेश न्यूज़Will Ukraine sail with the help of America Trump is going round and round Zelensky in trouble

अमेरिका के सहारे पार लगेगी यूक्रेन की नैया? गोल-गोल घुमा रहे ट्रंप; आफत में पड़े जेलेंस्की

  • हाल ही में जेलेंस्की को तानाशाह कहने वाले ट्रंप ने अपने बयान से किनारा कर लिया, लेकिन असली सवाल जस का तस बना हुआ है वो ये कि क्या अमेरिका यूक्रेन की सुरक्षा की गारंटी देगा?

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानFri, 28 Feb 2025 09:05 AM
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अमेरिका के सहारे पार लगेगी यूक्रेन की नैया? गोल-गोल घुमा रहे ट्रंप; आफत में पड़े जेलेंस्की

वॉशिंगटन में जब यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की पहुंचे होंगे उनके मन में बस एक ही सवाल होगा कि क्या डोनाल्ड ट्रंप यूक्रेन को सच में समर्थन देंगे या फिर रूस से जल्दबाजी में कोई समझौता कर लेंगे? हाल ही में जेलेंस्की को तानाशाह कहने वाले ट्रंप ने अपने बयान से किनारा कर लिया, लेकिन असली सवाल जस का तस बना हुआ है वो ये कि क्या अमेरिका यूक्रेन की सुरक्षा की गारंटी देगा?

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से होने जा रही है, लेकिन इससे पहले ही ट्रंप के तेवर से साफ है कि वे यूक्रेन को खुली सुरक्षा गारंटी देने के मूड में नहीं हैं। जेलेंस्की अमेरिका से ठोस आश्वासन चाहते हैं कि क्या रूस के साथ शांति समझौते के बाद भी वॉशिंगटन की मदद जारी रहेगी, मगर ट्रंप इस मुद्दे पर टालमटोल कर रहे हैं।

अपनी ही बातों से मुकरे ट्रंप?

हाल ही में ट्रंप ने जेलेंस्की को तानाशाह कहा था, लेकिन मुलाकात से ठीक पहले इस बयान से वे पलट गए। जब पत्रकारों ने उनसे यह बयान याद दिलाया तो उन्होंने कहा, "क्या मैंने ऐसा कहा था? मुझे यकीन नहीं हो रहा!" इसके बाद ट्रंप ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के साथ बातचीत में कहा, "हमारे बीच सब कुछ बहुत अच्छा रहेगा।"

लेकिन ट्रंप के बदले हुए लहजे के बावजूद, वे यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने से बचते दिखे। स्टारमर और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अमेरिका से स्पष्ट समर्थन मांगा कि अगर रूस फिर से आक्रामक रुख अपनाता है तो वॉशिंगटन यूक्रेन की सुरक्षा में यूरोपीय सेनाओं का साथ देगा। मगर ट्रंप का जवाब गोल-मोल ही रहा। उन्होंने कहा, "जब तक कोई डील नहीं हो जाती, तब तक मैं शांति सेना की बात नहीं करूंगा।"

इस बीच, यूरोपीय देशों को राहत की एक खबर यह भी मिली कि जेलेंस्की और अमेरिका के बीच यूक्रेन के खनिज संसाधनों से जुड़ी एक डील पर सहमति बन गई है। अमेरिका को इसमें आर्थिक हिस्सेदारी दी गई है, जिसे यूक्रेन को समर्थन के बदले रिटर्न के तौर पर देखा जा रहा है। शुरुआत में कीव इस समझौते से हिचकिचा रहा था, मगर अब यह तय हो गया है कि अमेरिका को इसमें बड़ा आर्थिक फायदा मिलेगा।

सैन्य दखल से बचना चाहते हैं ट्रंप

ट्रंप की रणनीति को लेकर जानकारों का कहना है कि वे ज्यादा सैन्य दखल के बजाय आर्थिक हितों को तरजीह दे रहे हैं। अटलांटिक काउंसिल के उपाध्यक्ष मैथ्यू क्रोनिग ने कहा, "अगर अमेरिका के पास यूक्रेन के खनिज संसाधनों में बड़ी हिस्सेदारी होगी, तो उसे यूक्रेन को बचाने में भी ज्यादा दिलचस्पी होगी।"

ब्रिटेन और फ्रांस ने पहले ही शांति समझौते की स्थिति में अपनी सेना भेजने का प्रस्ताव रखा है, मगर वे चाहते हैं कि अमेरिका भी हवाई सुरक्षा और खुफिया समर्थन का वादा करे। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हो पाया कि ट्रंप इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाएंगे या नहीं। इस बीच, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ट्रंप के रुख की सराहना की है। उन्होंने कहा, "नई अमेरिकी सरकार के साथ शुरुआती बातचीत उम्मीद जगाती है।"

ट्रंप और पुतिन की मुलाकात ने यूक्रेन के लिए चिंता बढ़ा दी है। इस पर जेलेंस्की ने बार-बार चेतावनी दी है कि पुतिन पर भरोसा करना खतरनाक होगा। लेकिन ट्रंप का कहना है, "अगर कोई समझौता हुआ तो पुतिन अपना वादा निभाएंगे।"

गौरतलब है कि यूक्रेन के लिए यह बैठक महत्वपूर्ण है, क्योंकि अगर ट्रंप पहले पुतिन से मिलते तो इसका संदेश बेहद गलत जाता। काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस की लियाना फिक्स ने कहा, "कम से कम जेलेंस्की के लिए यह प्रतीकात्मक जीत है कि वे पुतिन से पहले ट्रंप से मिल रहे हैं।" अब देखना यह है कि इस मुलाकात से जेलेंस्की को वह सुरक्षा आश्वासन मिलता है या नहीं, जिसकी उन्हें सख्त जरूरत है या फिर ट्रंप केवल व्यापारिक सौदों में उलझाकर उन्हें टालते रहेंगे।

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