भारत ही नहीं, पाकिस्तान में भी हो रही किसानों की गिरफ्तारी; एक जैसी ही है वजह
- 182 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं और 71 लोगों को पराली और कचरा जलाने, अवैध ईंट भट्टों को संचालित करने और धुआं छोड़ने वाले वाहनों को चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
इन दिनों भारत के अलावा, पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी किसानों का गिरफ्तारियां हो रही हैं। दोनों जगह इन गिरफ्तारियों की वजह एक ही है- प्रदूषण। हरियाणा में कम से कम 18 किसानों को पराली जलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भी प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। 70 से ज्यादा किसानों को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में गिरफ्तार किया गया है। यह कदम तब उठाया गया जब किसानों ने अवैध रूप से धान के खेतों से पराली जलाकर खेतों को साफ करने का प्रयास किया। राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का एक बड़ा कारक पराली का जलाया जाना है। यही हालात पाकिस्तान के लाहौर के हैं।
पंजाब प्रांत में 71 लोग गिरफ्तार
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पुलिस के मुताबिक, 182 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं और 71 लोगों को पराली और कचरा जलाने, अवैध ईंट भट्टों को संचालित करने और धुआं छोड़ने वाले वाहनों को चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पंजाब प्रांत के वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा कि कृत्रिम वर्षा के लिए संसाधन आवंटित किए गए हैं, जिसमें प्रत्येक कृत्रिम वर्षा की लागत 5 मिलियन से 7 मिलियन रुपये के बीच आएगी।
दिल्ली में मंगलवार की सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 320 दर्ज किया गया, जो केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार "बहुत खराब" श्रेणी में आता है। AQI 0-50 को अच्छा माना जाता है, जबकि 400-500 के बीच का AQI स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। इस साल के दूसरे सबसे प्रदूषित शहर के रूप में दिल्ली को दर्ज किया गया, जबकि पहले स्थान पर लाहौर रहा। पाकिस्तान के पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने भारत के साथ "जलवायु कूटनीति" की आवश्यकता पर बल दिया ताकि धुएं और स्मॉग से निपटा जा सके।
प्रदूषण की चुनौती
हर साल सर्दियों में तापमान गिरने पर दिल्ली और आसपास के क्षेत्र वायु प्रदूषण की समस्या से जूझते हैं, जहां निर्माण कार्यों की धूल, वाहनों के उत्सर्जन और धुएं को ठंडी हवा में फंसा हुआ पाया जाता है। अधिकारियों का कहना है कि इसका एक बड़ा हिस्सा पंजाब और हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों से आता है, जहां पराली जलाने की परंपरा है। इससे होने वाले प्रदूषण के कारण सांस की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, और प्रशासन द्वारा लगातार जनता को स्वास्थ्य से जुड़े दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी जा रही है।
हरियाणा सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने अपने-अपने क्षेत्रों में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाने में कथित विफलता को लेकर 24 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इस संबंध में 20 अक्टूबर को आदेश जारी किया गया था। आदेश में उल्लेख किया गया है कि अधिकारियों को प्रशासनिक आधार पर निलंबित किया गया है।
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