जिस कंपनी के यान में अंतरिक्ष गईं सुनीता विलियम्स, 30 हजार कर्मचारियों ने कर दी हड़ताल; एयरलाइन्स परेशान
- दुनियाभर में एयरक्राफ्ट सप्लाई करने वाली सबसे बड़ी कंपनियों में से एक अमेरिकी कंपनी बोइंग के 30 हजार से ज्यादा कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। यह हड़ताल देखकर दुनियाभर की एयरलाइन्स की सांस फूलने लगी है।
दुनियाभर की एयरलाइन्स को जेटलाइनर सप्लाई करने वाली सबसे बड़ी एयरक्राफ्ट मेकर्स कंपनियों में से एक बोइंग एयरलाइन कंपनी के 30 हजार से अधिक कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। वेतन बढ़ोतरी संबंधी कई मांगों को लेकर कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं। बता दें कि बोइंग के ही स्टारलाइनर से अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचीं है। स्टारलिइनर के थ्रस्ट में दिक्कत आने की वजह से इसे खाली ही धरती पर लौटा लिया गया।
इस वर्ष बोइंग कंपनी को आठ अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। कंपनी पहले से ही 60 अरब डॉलर के कर्ज और कई सुरक्षा मुद्दों से जूझ रही है। अब कर्मचारियों के जाने पर शेयर में भी भारी गिरावट देखी गयी। बोइंग का स्टॉक उस दिन करीब चार प्रतिशत और वर्ष पर 40 प्रतिशत की गिरावट के साथ 157 डॉलर प्रति शेयर से कम पर बंद हुआ जबकि शुक्रवार को, यह गिरकर 155.60 डॉलर पर पहुंच गया था। नवंबर 2022 के 141.54 डॉलर के बाद से यह सबसे निचला स्तर है। फिच रेटिंग्स ने श्रमिकों लंबी हड़ताल पर जाने को लेकर कंपनी की क्रेडिट स्थिति में संभावित गिरावट की चेतावनी दी।
इससे पहले, इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ मशीनिस्ट्स एंड एयरोस्पेस वर्कर्स (आईएएम) यूनियन से जुड़े बोइंग के 95 प्रतिशत कर्मचारियों ने हड़ताल करने और 40 प्रतिशत वेतन वृद्धि की मांग करने के लिए मतदान किया था, जिसका प्रबंधन ने विरोध किया है। बाइडेन प्रशासन ने कहा कि वह दोनों पक्षों को एक समझौते पर पहुंचने में मदद करने की कोशिश कर रहा है।
दुनियाभर में दिखेगा असर
बीते 16 साल में पहली बार है जब बोइंग में इतनी बड़ी हड़ताल चल रही है। जानकारों का कहना है कि इस स्थिति में जेटलाइनर्स की कमी हो सकती है। इसके अलावा एयरलाइन्स पुराने विमान रखने को मजबूर हो जाएंगी और उन्हें किराया भी बढ़ाना पड़ सकता है। इससे पहले बोइंग में 2008 में हड़ताल हुई थी। वैश्विक उड़ान सेवा के लिए बोइंग बेहद अहम कंपनी है। इस हड़ताल का असर उत्पादन, और सप्लाई पर पड़ सकता है। जानकारों का कहना है कि बोइंग में प्रोडक्शन में कमी आने की वजह से जिन एयरलाइन्स को एयरबस दिए गए हैं उनकी मेंटिनेंस भी दिक्कत आ रही है।
इस हड़ताल से पूरी दुनिया की एयरलाइन कंपनियां परेशान हो गई हैं। सेफ्टी क्राइसिस के बाद बोइंग उत्पादन बढ़ाना चाहता था। वहीं इसकी लिए और चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है। भारतीय एयरलाइन्स अकासा, एयर इंडिया एक्सप्रेस को भी इस हड़ताल का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। इनकी डिलिवरी में देरी हो हो सकती है। एयर इंडिया एक्सप्रेस ने अगले साल जनवरी तक 50 विमानों का लक्ष्य पूरा करना निश्चित किया था। (वार्ता से इनपुट्स के साथ)
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