कौन हैं तुलसी गबार्ड? अमेरिका पहुंचते ही PM मोदी की पहली मुलाकात, आज ट्रंप से भी होगी बात
- तुलसी गबार्ड अब अमेरिका का शीर्ष खुफिया पद संभालेंगी। राष्ट्रीय खुफिया निदेशक का कार्यालय 11 सितंबर 2001 के आतंकवादी हमलों के दौरान सामने आई खुफिया विफलताओं से निपटने के लिए स्थापित किया गया था।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस की यात्रा समाप्त कर अमेरिका पहुंच चुके हैं। बुधवार देर शाम वाशिंगटन पहुंचते ही मीटिंग का दौर शुरू किया। उन्होंने सबसे पहले अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक और खुद को हिंदू बताने वाली तुलसी गबार्ड से मुलाकात की। इसके बाद और भी महत्वपूर्ण अधिकारियों और नेताओं से उनकी मुलाकात होनी है।
पीएम मोदी ने इस मुलाकात की जानकारी देते हुए एक्स पर लिखा, ‘’वाशिंगटन डीसी में यूएसए की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से मुलाकात की। उन्हें नियुक्ति की बधाई दी। भारत-यूएसए मैत्री के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की, जिसकी वे हमेशा से प्रबल समर्थक रही हैं।''
कौन हैं तुलसी गबार्ड
तुलसी गबार्ड भारतीय मूल की नहीं हैं। उनकी मां ने हिंदू धर्म अपनाया था। इसके बाद तुलसी भी इसे आगे बढ़ा रही हैं। उनका लालन-पालन हिंदू धर्म के हिसाब से ही हुआ था। हिंदू धर्म से गहरा जुड़ाव होने के कारण ही उनका नाम तुलसी रखा गया था। तुलसी गबार्ड की शादी सिनेमैटोग्राफर अब्राहम विलियम्स से हुई है।
आपको बता दें कि इससे पहले अमेरिकी सीनेट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन में राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के पद पर तुलसी गबार्ड की नियुक्ति की बुधवार को पुष्टि कर दी। हालांकि, रिपब्लिकन पार्टी के सदस्यों ने पहले उनकी नियुक्ति पर सवाल उठाए थे, लेकिन बाद में उन्होंने गबार्ड का इस पद के लिए समर्थन कर दिया।
तुलसी गबार्ड पूर्व सैन्य कर्मी हैं और वह डेमोक्रेटिक पार्टी से कांग्रेस (अमेरिकी संसद) की सदस्य रह चुकी हैं। सीनेट ने 48 के मुकाबले 52 मतों से उनकी नियुक्त पर मुहर लगाई। डेमोक्रटिक पार्टी के सदस्यों ने गबार्ड की नियुक्ति का कड़ा विरोध किया। हालांकि, सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के पास बहुमत है।
तुलसी गबार्ड अब अमेरिका का शीर्ष खुफिया पद संभालेंगी। राष्ट्रीय खुफिया निदेशक का कार्यालय 11 सितंबर 2001 के आतंकवादी हमलों के दौरान सामने आई खुफिया विफलताओं से निपटने के लिए स्थापित किया गया था।
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