Hindi Newsविदेश न्यूज़When will the general elections be held in Bangladesh countdown for Yunus government starts

यूनुस सरकार की उलटी गिनती शुरू, बांग्लादेश में चुनाव कब तक; क्या फिर लौटेंगी शेख हसीना?

  • बांग्लादेश के चुनाव आयोग ने ऐलान किया है कि दिसंबर तक आम चुनाव कराए जाएंगे, जिससे सियासी गलियारों में हलचल बढ़ गई है। यूनुस ने पहले ही दो चुनावी तारीखों की बात कही थी, लेकिन अब साफ संकेत हैं कि पहला विकल्प यानी दिसंबर 2025 में चुनाव को प्राथमिकता दी जाएगी।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानTue, 11 Feb 2025 06:01 PM
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यूनुस सरकार की उलटी गिनती शुरू, बांग्लादेश में चुनाव कब तक; क्या फिर लौटेंगी शेख हसीना?

बांग्लादेश की सियासत एक नए मोड़ पर आ गई है। बांग्लादेश के चुनाव आयोग ने ऐलान किया है कि दिसंबर तक आम चुनाव कराए जाएंगे, जिससे सियासी गलियारों में हलचल बढ़ गई है। ऐसे में अब सवाल यह है कि क्या अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस को आखिरकार बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की जल्द चुनाव की मांग माननी पड़ी? इस बीच, संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ समेत 17 पश्चिमी देशों के राजनयिकों से हुई मुलाकात के बाद चुनाव आयुक्त अबुल फजल मोहम्मद सनाउल्लाह ने साफ कर दिया कि राष्ट्रीय चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं।

क्या हसीना की वापसी होगी?

यह घटनाक्रम ऐसे समय में हो रहा है जब पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग सत्ता से बेदखल हो चुकी है। अगस्त 2024 में एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट के नेतृत्व में हुए विद्रोह ने हसीना सरकार को गिरा दिया था, जिसके बाद मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार सत्ता में आई। यूनुस ने पहले ही दो चुनावी तारीखों की बात कही थी, लेकिन अब साफ संकेत हैं कि पहला विकल्प, यानी दिसंबर 2025 में चुनाव को प्राथमिकता दी जाएगी।

गौरतलब है कि यूनुस ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी बीएनपी को भरोसा दिलाया कि उनकी मांग के मुताबिक चुनाव दिसंबर तक हो सकते हैं। बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने कहा, "उन्होंने (यूनुस) हमें बताया कि सरकार दिसंबर तक चुनाव कराने की दिशा में काम कर रही है।"

हालांकि, यूनुस सरकार को एक और चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि छात्र आंदोलन से निकले नेताओं ने खुद की राजनीतिक पार्टी बनाने के संकेत दिए हैं, जिससे बीएनपी को सरकार की निष्पक्षता पर संदेह हो रहा है।

बता दें बांग्लादेश में हालात तब और बिगड़ गए जब 5 अगस्त को उग्र प्रदर्शनकारियों ने शेख मुजीबुर रहमान के ऐतिहासिक धानमंडी 32 नंबर स्थित आवास को बुलडोजर से गिरा दिया। इसके बाद देशभर में हसीना समर्थकों और सरकारी अधिकारियों के घरों पर हमले हुए, कई इमारतें आग के हवाले कर दी गईं। अब तक हसीना सरकार के अधिकांश मंत्री जेल में हैं या फरार हो चुके हैं। सरकारी अफसरों और पुलिस अधिकारियों पर भी हसीना सरकार के दौरान विद्रोह को कुचलने के आरोप लगे हैं।

इस बीच यूनुस सरकार ने सत्ता में आने के बाद संविधान संशोधन की योजना बनाई थी। उनकी बनाई संविधान सुधार आयोग ने सुझाव दिया कि 1972 के संविधान से धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्रवाद जैसे मूल सिद्धांत हटाए जाएं। छात्र आंदोलन से जुड़े नेताओं का मानना है कि 1972 का संविधान मुजीबिस्ट यानी शेख मुजीब की विचारधारा से प्रेरित था और इसे पूरी तरह खत्म किया जाना चाहिए। हालांकि, बीएनपी और अन्य दल इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख नहीं अपना रहे हैं।

क्या हसीना की वापसी संभव है?

ऐसे में सवाल है कि अगर चुनाव निष्पक्ष होते हैं तो क्या अवामी लीग की वापसी संभव है, लेकिन हालात बहुत बदल चुके हैं। बीएनपी की रणनीति हसीना विरोधी माहौल को भुनाने की होगी, वहीं छात्र आंदोलन से निकले नए चेहरे सत्ता के लिए चुनौती बन सकते हैं। फिलहाल, बांग्लादेश में यूनुस सरकार की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। चुनाव की राह में कई अड़चनें हैं, लेकिन एक सवाल सबके जहन में है क्या शेख हसीना फिर से सत्ता में लौटेंगी?

भाषा इनपुट के साथ

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