जब डोनाल्ड ट्रंप ने की थी ISKCON की मदद, धूमधाम से निकली थी रथ यात्रा; बांग्लादेशी हिंदुओं को भी उम्मीद
- ट्रंप कई दशकों पहले ISKCON की मदद कर चुके हैं। इसके अलावा, ट्रंप ने अपने चुनावी अभियान में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का जिक्र भी किया था।
बांग्लादेश में इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (ISKCON) पर प्रतिबंध लगाने की मांग जोर पकड़ती जा रही है। यह मामला तब सुर्खियों में आया जब समूह के नेता और हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार किया गया। इस संकट की घड़ी में ISKCON को उम्मीद है कि अमेरिका के आगामी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उनके लिए मददगार साबित होंगे। दरअसल ट्रंप कई दशकों पहले ISKCON की मदद कर चुके हैं। इसके अलावा, ट्रंप ने अपने चुनावी अभियान में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का जिक्र भी किया था।
ट्रंप ने की थी हिंसा की निंदा
इसके बाद, पिछले महीने, ISKCON ने डोनाल्ड ट्रंप की प्रशंसा की थी। ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा था, “मैं बांग्लादेश में हिंदुओं, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रही बर्बर हिंसा की कड़ी निंदा करता हूं। यह सब मेरे कार्यकाल में कभी नहीं होता।”
1976 की घटना का जिक्र
ISKCON ने यह भी याद किया कि 1976 में जब डोनाल्ड ट्रंप एक युवा रियल एस्टेट उद्यमी थे, तब उन्होंने जगन्नाथ रथ यात्रा के आयोजन में महत्वपूर्ण सहायता दी थी। उस समय ISKCON को न्यूयॉर्क के फिफ्थ एवेन्यू पर रथ बनाने के लिए जगह नहीं मिल रही थी। जब ट्रंप को पता चला तो उन्होंने ISKCON को फ्री में जगह उपलब्ध कराई, जिससे यह आयोजन सफल हो सका।
न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक, ISKCON के भारत के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कहा, “ठीक 48 साल पहले डोनाल्ड ट्रंप ने जगन्नाथ रथयात्रा को बचाया था। आज जब दुनिया फिर से इस पर्व को मना रही है, ट्रंप पर हमला हुआ, और भगवान जगन्नाथ ने उन्हें बचाकर इसका बदला चुकाया है।”
ट्रंप पर हमले के बाद ISKCON का बयान
जुलाई 2024 में, जब ट्रंप पर पेन्सिलवेनिया में एक चुनावी रैली के दौरान जानलेवा हमला हुआ, तब ISKCON ने बयान जारी करते हुए कहा, “दुनिया की समस्याओं को हिंसा या कटु शब्दों से हल नहीं किया जा सकता। कर्म के नियम के अनुसार, हिंसा केवल और अधिक हिंसा और पीड़ा को जन्म देती है।”
ISKCON के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने एक इंटरव्यू में कहा कि बांग्लादेश में हालात उनके नियंत्रण से बाहर हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि 20 जनवरी 2025 को ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति पद संभालने के बाद स्थिति में सुधार होगा। बांग्लादेश में धार्मिक हिंसा और ISKCON पर संभावित प्रतिबंध जैसे गंभीर मुद्दों के बीच संगठन को उम्मीद है कि डोनाल्ड ट्रंप की वापसी उनके लिए राहत लेकर आएगी। आने वाले समय में इस मामले पर अमेरिका और बांग्लादेश के संबंधों का प्रभाव भी देखने को मिल सकता है।
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