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क्या है किस्वाह? मक्का के बाहर पहली बार आएगा नजर, दिलचस्प है पैगंबर से जुड़ा इसका इतिहास

  • किस्वाह वह पवित्र कपड़ा है, जिससे मक्का में स्थित काबा को ढका जाता है। काबा इस्लाम का सबसे पवित्र स्थल और इसे अल्लाह का घर माना जाता है।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, जेद्दाहSat, 25 Jan 2025 10:50 PM
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क्या है किस्वाह? मक्का के बाहर पहली बार आएगा नजर, दिलचस्प है पैगंबर से जुड़ा इसका इतिहास

इस्लामी कला की अद्भुत कृति किस्वाह पहली बार मक्का से बाहर दुनिया के सामने आएगी। यह ऐतिहासिक अवसर इस्लामिक आर्ट्स बिएनाले 2025 में देखने को मिलेगा, जो 25 जनवरी से 25 मई तक जेद्दाह में आयोजित होगा। इस बार का बिएनाले इस्लामी और समकालीन कलाकृतियों का प्रदर्शन किया जाएगा। आखिर किस्वाह क्या है और यह इस्लाम धर्म में इतना चर्तित क्यों है? आइए, इस बारे में जानते हैं।

किस्वाह क्या है?

किस्वाह वह पवित्र कपड़ा है, जिससे मक्का में स्थित काबा को ढका जाता है। काबा इस्लाम का सबसे पवित्र स्थल और इसे अल्लाह का घर माना जाता है। हर साल हज के समय 9वें धू अल-हिज्जा को पुराने किस्वाह को हटाकर नया किस्वाह चढ़ाया जाता है। इसे अरबी में किस्वत अल-काबा भी कहते हैं।

दिलचस्प है इसका इतिहास

629-630 ईस्वी (8 हिजरी) में पैगंबर मोहम्मद ने पहली बार काबा को यमनी कपड़े से ढका था। इससे पहले इस्तेमाल हुआ किस्वाह एक महिला द्वारा जलाए जाने के बाद बदला गया। इसके बाद इस परंपरा को सुल्तानों और राजाओं ने जारी रखा। किस्वाह न केवल एक धार्मिक प्रतीक है, बल्कि इसे इस्लामी कला की सबसे उत्कृष्ट रचना भी माना जाता है।

क्यों होता है खास

मौजूदा किस्वाह का वजन 1,000 किलो से अधिक है। यह काले रेशम, सोने और चांदी के धागों से बना होता है। इसके निर्माण में एक साल का समय और 100 से अधिक कर्मचारियों की मेहनत लगती है। किस्वाह में 670 किलो कच्चे रेशम का उपयोग किया गया है, जिसे काले रंग में रंगा गया है। इसमें 120 किलो सोने और 100 किलो चांदी के धागों का इस्तेमाल कर कुरान की आयतें कढ़ाई की जाती हैं।

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