पहले ही दिन डोनाल्ड ट्रंप पर 20 झूठ बोलने के आरोप, पनामा समेत किन बातों की हो रही चर्चा
वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि पिछले कार्यकाल के पहले 100 दिन में डोनाल्ड ट्रंप ने 492 संदिग्ध दावे या झूठ या असत्य और भामक दावे किए थे।
डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी (सोमवार) को अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में दूसरी बार शपथ ली है। इससे पहले वह 2017 से 2021 तक 45वें राष्ट्रपति रह चुके हैं। सोमवार को शपथ ग्रहण करने के बाद ट्रंप ने दो भाषण दिए। अमेरिकी मीडिया दावा कर रहा है कि इन दोनों भाषणों और मीडिया से बातचीत के क्रम में अपनी दूसरी पारी के पहले ही दिन ट्रंप ने 20 से ज्यादा झूठ बोले हैं। अमेरिकी मीडिया अब इस बात के लिए फैक्ट चेक कर रहा है कि प्रेसिडेंट ट्रंप ने कब-कब और कौन कौन सा झूठ बोला है।
वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में कुल 30,573 झूठ या असत्य और भ्रामक दावे किए थे और अब यह सवाल पूछे जा रहे हैं कि क्या ट्रंप इस कार्यकाल में पिछले कार्यकाल के झूठ बोलने का रिकॉर्ड तोड़ देंगे। CNN के मुताबिक राष्ट्रपति ट्रंप ने दूसरे कार्यकाल के पहले दिन 20 झूठ बोले हैं। ये झूठ अर्थव्यवस्था, माइग्रेशन, विदेशी मामलों, इलेक्ट्रॉनिक वाहनों और 2020 के चुनावों से संबंधित हैं।
वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि पिछले कार्यकाल के पहले 100 दिन में डोनाल्ड ट्रंप ने 492 संदिग्ध दावे या झूठ या अस्त्य और भामक दावे किए थे। अमेरिकी मीडिया ने ट्रंप के बार-बार झूठ बोलने की आदत की पहचान कर उनके पहले कार्यकाल में ट्रूथ-ओ मीटर शुरू किया था, ताकि राष्ट्रपति के झूठ और गलत दावों की संख्या की गिनती की जा सके। बहरहाल, बात करते हैं उनके पहले कार्यकाल के टॉप पांच झूठ की, जो इस प्रकार हैं-
1. बाइडेन के कार्यकाल में उच्च मुद्रास्फिति: ट्रंप ने शपथ लेते ही पूर्ववर्ती जो बाइडेन सरकार पर हमला बोला और कहा कि उनके कार्यकाल में अमेरिका में महंगाई दर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। उन्होंने कहा कि यह स्थिति अधिक खर्च और ऊर्जा की बढ़ती कीमतों के कारण आई है। उन्होंने अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों से महंगाई को कम करने के लिए काम करने का आह्वान किया। ट्रंप के इस दावे की जब तहकीकात की गई तो पाया गया कि बाइडेन के कार्यकाल में महंगाई सर्वाधिक ऊंचाई पर 2022 की गर्मियों में था, जब मुद्रास्फिति की दर चार दशक में सबसे ज्यादा 9.1 फीसदी पर थी। एपी की रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर 2024 में गिरकर यह 2.9 फीसदी पर पहुंच गई। द गार्जियन की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका में सर्वाधिक रिकॉर्ड स्तर पर महंगाई दर 1920 में थी, जब इसका आंकड़ा 23.7 फीसदी था।
2. चीन पनामा नहर का संचालन करता है: ट्रंप ने पनामा नहर को वापस लेने ती इच्छा जताते हुए अपने पहले भाषण में दावा किया कि चीन इसका संचालन कर रहा है। पनामा नहर के अधिकारियों ने इस दावे का खंडन किया है कि चीन उसका संचालन कर रहा है। अधिकारियों ने ट्रंप के उस दावे का भी खंडन किया कि अमेरिका से ज्यादा धन लिया जा रहा है। ट्रंप ने दावा किया था कि पनामा नहर के निर्माण में 38,000 लोग मारे गए थे। नहर के अधिकारियों ने इसका भी खंडन किया है और कहा है कि निर्माण कार्य में 5600 लोगों की मौत हुई थी।
3. ईवी जनादेश रद्द कर देंगे: ट्रंप ने कहा था कि उनकी सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की अनिवार्यता वाला ईवी जनादेश रद्द कर देंगे। इससे ऑटो उद्योग बच जाएगा, जबकि अमेरिका में यह आदेश अभी मौजूद ही नहीं है।
4. जन्मसिद्ध नागरिकता अधिकार वाला अकेला देश अमेरिका: ट्रंप ने ओवल ऑफिस में कहा था कि अमेरिका दुनिया का इकलौता देश है जिसके पास जन्मसिद्ध नागरिकता है। CNN और कई अन्य आउटलेट्स ने इस दावे को खारिज किया है और कहा है कि लगभग तीन दर्जन देश अपनी धरती पर पैदा हुए लोगों को स्वत: नागरिकता प्रदान करते हैं, जिनमें अमेरिका के पड़ोसी कनाडा और मैक्सिको और अधिकांश दक्षिण अमेरिकी देश शामिल हैं।
5. चीन पर ट्रंप टैरिफ: ट्रंप ने एक और झूठा दावा करते हुए कहा कि उनके पहले कार्यकाल के दौरान अमेरिका ने चीन पर टैरिफ बढ़ाकर उससे सैकड़ों अरब डॉलर वसूले हैं। CNN ने इस तथ्य की जांच की है और बताया कि इस टैरिफ का भुगतान चीन ने नहीं बल्कि अमेरिकी आयातकों ने किया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ट्रंप के टैरिफ की मार अधिकांशत: अमेरिकियों पर ही पड़ी है।
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