अगला निशाना होगा पोलैंड में बना अमेरिकी मिसाइल बेस? रूस ने दे डाली खुली धमकी, भीषण युद्ध की आशंका
- यह अमेरिकी मिसाइल रक्षा बेस पोलैंड के रेडजिकोवो में स्थित है और नाटो की मिसाइल शील्ड का हिस्सा है, जिसे एजिस आशोर कहा जाता है। यह शील्ड छोटे से लेकर मध्य दूरी तक के बैलिस्टिक मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने में सक्षम है।
रूस ने गुरुवार को चेतावनी देते हुए कहा है कि पोलैंड में अमेरिकी मिसाइल रक्षा बेस को "तबाह" करने का लक्ष्य बनाया जा सकता है। इतना ही नहीं, रूस ने दावा किया है कि वह इस बेस को मिटाने के लिए "एडवांस हथियारों की लंबी रेंज" का इस्तेमाल कर सकता है। रूस का यह बयान यूक्रेन पर अपनी पहली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) हमले के बाद आया है।
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा, "पश्चिमी सैन्य सुविधाओं से उत्पन्न खतरों की प्रकृति और स्तर को देखते हुए, पोलैंड में मिसाइल रक्षा बेस को लंबे समय से प्राइमरी टारगेट की सूची में जोड़ा गया है, जिसे आवश्यकता पड़ने पर एडवांस हथियारों के जरिए नष्ट किया जा सकता है।"
रूस ने यह भी कहा कि 13 नवंबर को पोलैंड के उत्तरी क्षेत्र में खोला गया यह नया अमेरिकी बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा बेस, अमेरिका और उसके सैन्य सहयोगियों के "खतरनाक मंसूबों" का हिस्सा है। रूस के मुताबिक, यह कदम रणनीतिक स्थिरता को कमजोर करता है, और इसके परिणामस्वरूप परमाणु खतरों का स्तर बढ़ सकता है।
रूस की धमकी पर पोलैंड ने कहा कि मॉस्को की हालिया बयानबाजी ने इस बात को उजागर कर दिया है कि नाटो को अपनी रक्षा क्षमता को और बढ़ाने की आवश्यकता है। पोलैंड के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता पावेल व्रोंस्की ने कहा, "यह बेस पूरी तरह से रक्षा उद्देश्यों के लिए है और इसमें कोई भी परमाणु मिसाइलें नहीं हैं। ऐसे धमकियों से निश्चित रूप से पोलैंड और नाटो की वायु रक्षा को और मजबूत करने का तर्क मिलेगा और इस पर अमेरिका को भी ध्यान देना चाहिए।" बता दें कि पोलैंड 12 मार्च 1999 को नाटो का सदस्य बना था।
यह अमेरिकी मिसाइल रक्षा बेस पोलैंड के रेडजिकोवो में स्थित है और नाटो की मिसाइल शील्ड का हिस्सा है, जिसे "एजिस आशोर" कहा जाता है। नाटो का कहना है कि यह शील्ड छोटे से लेकर मध्य दूरी तक के बैलिस्टिक मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने में सक्षम है। नाटो के मुताबिक, इस शील्ड में पोलैंड और रोमानिया में स्थित साइट्स, स्पेन में एक अमेरिकी नेवी विध्वंसक और तुर्की में एक शुरुआती चेतावनी रडार शामिल हैं।
रूस की तरफ से यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलों के इस्तेमाल की अनुमति दी थी, ताकि वे रूस के भीतर हमला कर सकें। यूक्रेन ने पहली बार अमेरिकी ATACMS मिसाइलों का इस्तेमाल रूस के खिलाफ किया, जिसके बाद रूस ने अपनी परमाणु नीति में संशोधन करते हुए यह घोषणा की कि "रूस के खिलाफ कोई भी आक्रमण, यदि किसी गैर-परमाणु राज्य द्वारा किया जाता है और उसमें परमाणु राज्य का समर्थन होता है, तो उसे संयुक्त हमले के रूप में माना जाएगा।" इसके अलावा, रूस की यह धमकी एक ऐसे समय पर सामने आई है जब यूक्रेन की सेना लगातार रूस के महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों को निशाना बना रही है, और पश्चिमी देशों द्वारा दिए गए हथियारों का इस्तेमाल युद्ध के मैदान में किया जा रहा है।
रूस ने युद्ध में पहली बार अंतर-महाद्वीपीय मिसाइल का इस्तेमाल किया : यूक्रेन
इससे पहले यूक्रेन ने कहा कि रूस ने बीती रात यूक्रेनी शहर निप्रो को निशाना बनाकर युद्ध में पहली बार अंतर-महाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का इस्तेमाल किया। यूक्रेनी वायुसेना ने बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया मंच ‘टेलीग्राम’ पर एक बयान में कहा कि इसे रूस के कैस्पियन सागर से लगते अस्त्रखान क्षेत्र से दागा गया, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वास्तव में यह किस तरह की मिसाइल थी।
इसने कहा कि आठ अन्य मिसाइलों के साथ निप्रो शहर पर एक अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल दागी गई और यूक्रेनी सेना ने उनमें से छह मिसाइलों को नष्ट कर दिया। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, हमले के परिणामस्वरूप दो लोग घायल हो गए और एक औद्योगिक प्रतिष्ठान तथा दिव्यांग लोगों का एक पुनर्वास केंद्र क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि, आईसीबीएम की मारक परिधि यूक्रेन के खिलाफ उपयोग के लिए अत्यधिक प्रतीत होती है। ऐसी मिसाइलों को परमाणु हथियार ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है और इसका उपयोग रूस की परमाणु क्षमता के शक्तिशाली संदेश के रूप में काम करेगा।
यह हमला रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा संशोधित परमाणु सिद्धांत पर हस्ताक्षर किए जाने के दो दिन बाद हुआ है जो देश में परमाणु हथियारों के उपयोग की सीमा को औपचारिक रूप से कम करता है। यूक्रेन ने अमेरिका द्वारा भेजी गईं लंबी दूरी की कई मिसाइलें मंगलवार को दागीं और ब्रिटेन निर्मित ‘स्टॉर्म शैडोज’ मिसाइलों का भी बुधवार को कथित तौर पर इस्तेमाल किया। रूसी रक्षा मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि उसकी वायु रक्षा प्रणालियों ने ब्रिटेन निर्मित दो ‘स्टॉर्म शैडो’ मिसाइलों, छह एचआईएमएआरएस रॉकेट और 67 ड्रोन को नष्ट कर दिया।
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