टैरिफ के आगे झुका चीन! अमेरिका से करने लगा बात, ट्रंप बोले- उन्होंने कई बार किया संपर्क
- ट्रंप ने हाल ही में चीन से आयात होने वाले सामानों पर 245% तक टैरिफ लागू किया था, जिसके जवाब में चीन ने अमेरिकी सामानों पर भारी टैरिफ लगाकर पलटवार किया।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को दावा किया कि अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ को लेकर बातचीत शुरू हो गई है। ट्रंप ने कहा कि चीन ने कई बार अमेरिकी अधिकारियों से संपर्क किया है, जिसके बाद दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव को कम करने के लिए चर्चा शुरू हुई है। यह बयान ऐसे समय में आया है, जब दोनों देशों के बीच टैरिफ युद्ध ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल मचा रखी है।
गेंद अब उनके पाले में है- ट्रंप
हालांकि अब ट्रंप ने भरोसा जताया है कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं अपने लंबे समय से चल रहे कड़वे व्यापार युद्ध को समाप्त करने के लिए किसी समझौते तक पहुंच सकती हैं। ट्रंप ने ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, "हां, चीन ने कई बार हमसे संपर्क किया है। वे बातचीत करना चाहते हैं, और हम भी इसके लिए तैयार हैं। लेकिन गेंद अब उनके पाले में है।" उन्होंने यह भी कहा कि चीन को अमेरिकी बाजार की जरूरत है, और वह एक "निष्पक्ष और पारस्परिक" समझौते की उम्मीद करते हैं।
राष्ट्रपति ट्रंप ने यह भी खुलासा किया कि दोनों देशों के बीच वार्ता तब से जारी है जब उन्होंने चीन पर टैरिफ बढ़ाकर 145 प्रतिशत कर दिए थे। यह निर्णय उन्होंने 2 अप्रैल को घोषित की गई "लिबरेशन डे" वैश्विक शुल्क नीति के तहत लिया था, जिसके बाद चीन ने भी जवाबी में शुल्क बढ़ा दिए थे।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात की?
हालांकि, जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या उन्होंने सीधे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात की है, तो उन्होंने स्पष्ट उत्तर देने से परहेज किया। ट्रंप ने कहा, "मैंने कभी यह नहीं कहा कि बातचीत हुई है या नहीं। यह कहना उपयुक्त नहीं होगा।" लेकिन जब पत्रकारों ने यह जानना चाहा कि क्या शी जिनपिंग ने उनसे संपर्क किया है, तो ट्रंप ने जवाब दिया: "आपको यह तो साफ तौर पर समझ ही आ जाना चाहिए कि उन्होंने संपर्क किया है, लेकिन हम इसके बारे में जल्द बात करेंगे।"
गौरतलब है कि ट्रंप प्रशासन और चीन के बीच हाई टैरिफ की होड़ चल रही है, जिससे वैश्विक बाजारों में चिंता का माहौल बना हुआ है। व्हाइट हाउस में उन्होंने इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के साथ मुलाकात के दौरान कहा, "मुझे लगता है कि हम चीन के साथ एक बहुत अच्छा समझौता करने जा रहे हैं।" इस दौरान ट्रंप यूरोपीय संघ पर लगे अमेरिकी टैरिफ को खत्म करने के प्रयासों पर भी चर्चा कर रहे थे।
टैरिफ युद्ध की पृष्ठभूमि
ट्रंप ने हाल ही में चीन से आयात होने वाले सामानों पर 245% तक टैरिफ लागू किया था, जिसके जवाब में चीन ने अमेरिकी सामानों पर भारी टैरिफ लगाकर पलटवार किया। इस टकराव के कारण वैश्विक बाजारों में भारी गिरावट देखी गई, और निवेशकों में मंदी की आशंका बढ़ गई। हालांकि, ट्रंप ने अन्य देशों के लिए टैरिफ को 90 दिनों के लिए 10% तक सीमित कर दिया, लेकिन चीन पर यह छूट लागू नहीं की गई।
चीन की प्रतिक्रिया
चीन ने इस टैरिफ युद्ध को "अमेरिकी दादागिरी" करार दिया है और कहा है कि वह व्यापार युद्ध से नहीं डरता। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बुधवार को कहा, "अगर अमेरिका वास्तव में बातचीत के जरिए समाधान चाहता है, तो उसे धमकी और ब्लैकमेल बंद करना होगा। हम समानता, सम्मान और पारस्परिक लाभ के आधार पर बातचीत के लिए तैयार हैं।"
चीन ने यह भी संकेत दिया है कि वह विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ शिकायत दर्ज करेगा। इसके अलावा, चीन ने गैर-टैरिफ उपायों जैसे अमेरिकी कृषि और ऊर्जा आयात पर ब्यूरोक्रेटिक बाधाएं और बोइंग विमानों की डिलीवरी रोकने जैसे कदम उठाए हैं।
वैश्विक प्रभाव
इस टैरिफ युद्ध का असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर साफ दिख रहा है। एशियाई बाजारों में भारी गिरावट देखी गई, जिसमें हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 2008 के बाद अपनी सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट की ओर बढ़ रहा है। अमेरिका में भी एसएंडपी 500 इंडेक्स अपने फरवरी के उच्चतम स्तर से 15% नीचे आ गया है।
विश्लेषकों का कहना है कि यह टकराव वैश्विक व्यापार को लगभग असंभव बना सकता है, खासकर जब दोनों देशों के बीच 2024 में 650 अरब डॉलर से अधिक का व्यापार हुआ था। विश्व व्यापार संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर यह टैरिफ नीति जारी रही, तो 2025 में वैश्विक व्यापार में 1.5% की कमी आ सकती है, जिसमें उत्तरी अमेरिका सबसे अधिक प्रभावित होगा।
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