अमेरिका चुनाव के नतीजे बदल सकते हैं ये स्विंग स्टेट्स, हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप की जंग में अहम
- अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग चल रही है। निगाह उन सात राज्यों पर है, जिन्हें स्विंग स्टेट्स के नाम से जाना जाता है। क्या हैं ये स्विंग स्टेट्स और ट्रंप व और हैरिस की जीत में क्या रहेगी इनकी भूमिका…
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग चल रही है। रिपब्लिकल उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप का मुकाबला डेमोक्रेट कमला हैरिस से है। दोनों के बीच मुकाबला बेहद करीबी है। जीतने वाले उम्मीदवार को कुल 538 इलेक्टोरल वोट्स में से 270 वोटों की जरूरत होगी। ऐसे में निगाह उन सात राज्यों पर है, जिन्हें स्विंग स्टेट्स के नाम से जाना जाता है। आइए जानते हैं आखिर कौन हैं ये स्विंग स्टेट्स और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में क्यों इनकी भूमिका अहम हो जाती है।
एरिजोना, जॉर्जिया, मिशिगन, नेवाडा, नॉर्थ कैरोलीना, पेन्सिलवेनिया और विसकोन्सिन, ये वो सात राज्य हैं, जिन्हें स्विंग स्टेट्स के नाम से जाना जाता है। इन राज्यों की अहमियत का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि इन्हें बैटलग्राउंड स्टेट्स के नाम से भी जाना जाता है। इन सातों राज्यों को मिलाकर कुल 93 इलेक्टोरल वोट्स हैं। इतिहास बताता है कि इन राज्यों में वोटिंग मार्जिन बहुत कम रहती है। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति उम्मीदवार स्विंग स्टेट्स पर ज्यादा ध्यान देते हैं ताकि बेहद अहम इलेक्टोरल वोट्स हासिल कर सकें। इस बार भी कमला हैरिस और ट्रंप ने पेन्सिलवेनिया में जबर्दस्त ढंग से रैलियां की हैं ताकि 19 इलेक्टोरल कॉलेज वोट्स हासिल कर सकें।
वैसे तो दोनों उम्मीदवारों के लिए सातों स्विंग स्टेट्स की भूमिका अहम है। लेकिन अगर बात कमला हैरिस की करें तो उनकी जीत के लिए तीन राज्य-पेन्सिलवेनिया, मिशिगन और विसकोन्सिन अहम हैं। इन राज्यों को डेमोक्रेट्स के लिए काफी भरोसेमंद माना जाता है, लेकिन 2016 में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने यहां पर जबर्दस्त सेंधमारी की थी। 2020 में बाइडेन को फिर इन तीन राज्यों से समर्थन मिला, लेकिन पहले की तुलना में यह काफी कम था। ऐसे में कमला हैरिस के लिए यहां पर चुनौती और ज्यादा बढ़ गई है।
किस राज्य की क्या भूमिका
पेन्सिलवेनिया (19 इलेक्टोरल वोट्स)
ऐतिहासिक रूप से इस राज्या का झुकाव डेमोक्रेट्स की तरफ रहा है, लेकिन 2016 में यहां पर ट्रंप की 0.7 फीसदी अंतर से जीत ने इसे बैटलग्राउंड का दर्जा दे दिया। 2020 में बाइडेन ने 1.2 फीसदी के अंतर से फिर से यहां जीत हासिल की, लेकिन कॉम्पटीशन कम नहीं हुआ। अगर कमला हैरिस को यहां से अच्छा समर्थन मिलता है तो उनके लिए व्हाइट हाउस की उम्मीदें बढ़ जाएंगी।
मिशिगन (15 इलेक्टोरल वोट्स)
मिशिगन भी लगातार अमेरिकी राष्ट्रपति के उम्मीदवारों को जिताता रहा है। 2016 में यहां पर ट्रंप की जीत को बड़ा अपसेट माना गया था। 1988 के बाद पहली बार था जब किसी रिपब्लिकन उम्मीदवार को यहां से जीत मिली थी। 2020 में बाइडेन ने फिर से मिशिगन में जीत हासिल की और अंतर 154,000 वोटों का था। इसके पीछे यहां की अरब-अमेरिकी आबादी को वजह माना गया। अब 2024 में कमला को जीतने के लिए मिशिगन में कमाल करना होगा।
विसकोन्सिन (15 इलेक्टोरल वोट्स)
बेहद कम अंतर से ही सही, लेकिन पिछले दो चुनावों में इस अमेरिकी राज्य ने भी राष्ट्रपतियों की जीत में अहम भूमिका निभाई है। हैरिस के लिए यहां पर जीतना काफी अहम होगा। हालांकि मुकाबला नजदीकी है और ऐसे में फैसला किसी भी तरफ जा सकता है।
एरिजोना (11 इलेक्टोरल वोट्स)
2020 में बाइडेन ने एरिजोना में जीत हासिल की थी और पिछले 70 साल में ऐसा करने वाले वह मात्र दूसरे डेमोक्रेट कैंडिडेट थे। हालांकि जीत का अंतर मात्र 10,457 वोटों का था। उपनगर और लैटिनों वोटरों के चलते एरिजोना डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस दोनों के लिए ही अहमियत रखता है।
जॉर्जिया (16 इलेक्टोरल वोट्स)
साल 2020 में जो बाइडेन ने बेहद करीबी अंतर से जॉर्जिया में जीत हासिल की थी। साल 1992 के बाद वह पहले डेमोक्रेट उम्मीदवार थे, जिन्होंने ऐसा करने में सफलता पाई थी। यहां की आबादी में अफ्रीकन-अमेरिकन वोटरों की बहुतायत है। अगर डेमोक्रेट्स जॉर्जिया में फिर से जीतने में सफल रहे तो हैरिस के लिए राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ आसान हो जाएगी।
नॉर्थ कैरोलीना (16 इलेक्टोरल वोट्स)
वैसे तो नॉर्थ कैरोलीना का इतिहास रिपब्लिकन की तरफ झुकाव वाला रहा है। लेकिन इसके बावजूद यहां पर तगड़ी प्रतिस्पर्धा है। ट्रंप ने यहां पर 2016 और 2020 में बेहद करीबी जीत हासिल की थी। लेकिन यहां पर बढ़ते शहरी सेंटर्स और आबादी में होता बदलाव दोनों ही दलों के लिए अहम हो गया है।
नेवाडा (6 इलेक्टोरल वोट्स)
नेवाडा को डेमोक्रेट्स को समर्थन देने वाला राज्या माना जाता है। हालांकि भारी बेरोजगारी और आर्थिक चुनौतियों के चलते इसका झुकाव रिपब्लिकन की तरफ भी हो सकता है। 2020 में बाइडेन ने नेवाडा में 33,600 वोट हासिल किए थे, लेकिन कोविड के बाद पैदा हुए हालात 2024 में इसकी भूमिका बदल भी सकते हैं।
ऐसे तय होगा जीत का रास्ता
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कमला हैरिस को जीतना है तो सुरक्षित माने जा रहे स्टेट्स के अलावा उन्हें करीब 45 इलेक्टोरल वोट हासिल करने होंगे। इसके लिए वह पेन्सिलवेनिया, मिशिगन और विसकोन्सिन पर निर्भर रहता होगा। वहीं, ट्रंप को जीत हासिल करने के लिए उन इलाकों में फिर से परचम फहराना होगा जहां पर उन्होंने 2016 में जीत हासिल की थी। इसमें पेन्सिलवेनिया, मिशिगन के साथ-साथ डेमोक्रेट्स को समर्थन देने वाले नॉर्थ कैरोलीना को फतह करना होगा।
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