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हालात और नहीं बिगड़ने चाहिए, संयुक्त राष्ट्र में गूंजा पहलगाम आतंकी हमला; भारत-पाक से अपील

इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने पहलगाम हमले की निंदा करते हुए कहा कि हम जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, न्यूयॉर्कFri, 25 April 2025 06:25 AM
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हालात और नहीं बिगड़ने चाहिए, संयुक्त राष्ट्र में गूंजा पहलगाम आतंकी हमला; भारत-पाक से अपील

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई। इस हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को फिर से चरम पर पहुंचा दिया है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र (UN) ने दोनों देशों से 'अधिकतम संयम' बरतने की अपील की है, ताकि क्षेत्र में स्थिति और बिगड़े नहीं। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने कहा, "हम भारत और पाकिस्तान की सरकारों से अपील करते हैं कि वे अधिकतम संयम बरतें और सुनिश्चित करें कि हालात और खराब न हों।"

पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता डुजारिक ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने कहा, "हमारा मानना ​​है कि पाकिस्तान और भारत के बीच किसी भी मुद्दे को सार्थक आपसी बातचीत के माध्यम से शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जा सकता है और सुलझाया जाना चाहिए।"

पहलगाम में क्या हुआ?

22 अप्रैल को मंगलवार दोपहर, अनंतनाग जिले के पहलगाम की बैसारन घाटी में 5-6 आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। इस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक सहित 26 पर्यटकों की मौत हो गई, जबकि दर्जनों लोग घायल हुए। यह हमला कश्मीर घाटी में हाल के वर्षों में सबसे घातक नागरिक हमलों में से एक है। आतंकी संगठन 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ), जो पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक सहयोगी है, उसने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने हमले के लिए तीन पाकिस्तानी नागरिकों- आसिफ फौजी, सुलेमान शाह, और अबू तल्हा - को संदिग्ध बताया है।

भारत की कड़ी प्रतिक्रिया

हमले के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) ने बुधवार को पांच बड़े फैसले लिए।

सिंधु जल समझौते का निलंबन: यह 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ यह जल समझौता है, जो सिंधु नदी प्रणाली के जल बंटवारे को नियंत्रित करता है। उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। भारत ने कहा कि यह निलंबन तब तक जारी रहेगा जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को पूरी तरह से रोक नहीं लेता।

अटारी-वाघा सीमा बंद: भारत ने अटारी-वाघा एकीकृत जांच चौकी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया।

पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा निलंबन: भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सभी प्रकार की वीजा सेवाएं निलंबित कर दीं और उन्हें 27 अप्रैल तक भारत छोड़ने का आदेश दिया। मेडिकल वीजा धारकों को 29 अप्रैल तक का समय दिया गया है।

राजनयिक संबंधों में कटौती: भारत ने इस्लामाबाद में अपने उच्चायोग से रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुला लिया और दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के सैन्य सलाहकारों को 'पर्सोना नॉन ग्राटा' घोषित कर सात दिनों में भारत छोड़ने का आदेश दिया। दोनों देशों के उच्चायोगों की कर्मचारी संख्या को 55 से घटाकर 30 करने का फैसला भी लिया गया।

सीमा पर सख्ती: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने अटारी, हुसैनीवाला और सादकी में रिट्रीट समारोह के दौरान प्रतीकात्मक हैंडशेक को निलंबित कर दिया और दरवाजे बंद रखने का निर्णय लिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, "हम आतंकवादियों और उनके समर्थकों को धरती के किसी भी कोने से ढूंढकर सजा देंगे। भारत का संकल्प अटल है, और आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।" रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा, "हमले के पीछे के लोगों को करारा जवाब दिया जाएगा।"

पाकिस्तान का जवाब

पाकिस्तान ने भारत के कदमों को "युद्ध की कार्रवाई" करार देते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के कार्यालय ने कहा कि सिंधु जल समझौते के तहत पानी रोकने या मोड़ने की कोई भी कोशिश "युद्ध का कार्य" मानी जाएगी। पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई में भारतीय नागरिकों के लिए वीजा रद्द कर दिए, भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया, और सभी व्यापारिक गतिविधियों को निलंबित कर दिया। पाकिस्तान ने 1972 के शिमला समझौते को भी निलंबित करने की घोषणा की, जिसने नियंत्रण रेखा (एलओसी) की स्थापना की थी।

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने हमले को "झूठा फ्लैग ऑपरेशन" करार देते हुए दावा किया कि भारत बिना सबूत के पाकिस्तान को बदनाम कर रहा है। हालांकि, पाकिस्तान ने हमले की निंदा की और पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की।

संयुक्त राष्ट्र की अपील

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने पहलगाम हमले की निंदा करते हुए कहा, "हम जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं।" उन्होंने दोनों देशों से शांतिपूर्ण तरीके से और 'सार्थक पारस्परिक जुड़ाव' के माध्यम से मुद्दों को हल करने का आग्रह किया। डुजारिक ने इंडस वाटर ट्रीटी के निलंबन पर टिप्पणी करते हुए कहा, "हम ऐसी किसी भी कार्रवाई से बचने की अपील करते हैं जो स्थिति को और तनावपूर्ण बनाए।"

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

हमले की निंदा करने वालों में अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली, रूस, यूक्रेन, इजरायल, ईरान और यूएई जैसे देश शामिल हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक्स पर लिखा, "अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मजबूती से खड़ा है।" फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हमले को "जघन्य" करार दिया और पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने इसे "भयावह" बताया।

स्थानीय और राजनीतिक प्रतिक्रिया

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमले को "हाल के वर्षों में नागरिकों पर सबसे बड़ा हमला" बताया और लोगों से कश्मीरियों को दुश्मन न मानने की अपील की। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपनी अमेरिका यात्रा बीच में छोड़कर दिल्ली लौट आए, जबकि पीएम मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी अपनी विदेश यात्राएं छोटी कर दीं।

लखनऊ की टीले वाली मस्जिद के शाही इमाम मौलाना कारी सैयद फजलुल मन्नान रहमानी और उत्तर प्रदेश के प्रमुख इस्लामी संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने हमले की कड़ी निंदा की। दारुल उलूम के कुलपति मुफ्ति अबुल कासिम नोमानी ने कहा, "निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाना इस्लाम की शिक्षाओं के खिलाफ है।"

सुरक्षा उपाय और जांच

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने स्थानीय लोगों के बयान दर्ज करना शुरू कर दिया है और हमले की जांच के लिए सीआरपीएफ और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के साथ समन्वय कर रही है। बैसारन घास का मैदान पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है, और आसपास के क्षेत्रों में तलाशी अभियान जारी है। श्री गंगानगर जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

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