झुकेगा नहीं यूक्रेन; अमेरिका की मदद के बिना भी नहीं टूटा, रूस से लेगा अब भी लोहा
- ट्रंप सरकार के इस फैसले के बाद अब यूक्रेन की लड़ाई और कठिन हो सकती है, लेकिन जेलेंस्की सरकार इसे यूरोप और अन्य सहयोगियों के समर्थन से भरने की कोशिश कर रही है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यूक्रेन को सैन्य मदद रोकने के फैसले के बाद भी कीव झुकने को तैयार नहीं है। यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस श्मिहाल ने साफ कहा कि हम हर हाल में डटे रहेंगे और रूस के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे। ट्रंप ने यह फैसला उस सार्वजनिक विवाद के बाद लिया, जब व्हाइट हाउस में यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के साथ उनकी बहस हो गई थी।
अमेरिका रूस के खिलाफ जंग में यूक्रेन का सबसे बड़ा सैन्य सहयोगी रहा है, जिसकी मदद से हवाई रक्षा प्रणाली और खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान के जरिए हजारों यूक्रेनी नागरिकों की जान बचाई गई। ट्रंप सरकार के इस फैसले के बाद अब यूक्रेन की लड़ाई और कठिन हो सकती है, लेकिन जेलेंस्की सरकार इसे यूरोप और अन्य सहयोगियों के समर्थन से भरने की कोशिश कर रही है।
यूरोप से समर्थन की कोशिश
यूक्रेन अब इस सैन्य सहायता की कमी को पूरा करने के लिए यूरोपीय देशों से समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहा है। राष्ट्रपति जेलेंस्की अभी तक इस फैसले पर सार्वजनिक रूप से नहीं बोले हैं, लेकिन उनके सलाहकार माइखाइलो पोडोल्याक ने कहा कि यूरोपीय साझेदारों के साथ बातचीत जारी है और ट्रंप प्रशासन से भी चर्चा की संभावना से इंकार नहीं किया गया है।
अमेरिका से सुरक्षा गारंटी चाहता है यूक्रेन
श्मिहाल ने कहा कि अमेरिका और यूरोप दोनों से सुरक्षा गारंटी बेहद जरूरी हैं। उन्होंने कहा, "हमें ठोस सुरक्षा आश्वासन चाहिए, यह सिर्फ यूक्रेन ही नहीं, बल्कि पूरे यूरोप के लिए अहम है।" अमेरिका से सैन्य मदद रुकने का सबसे बड़ा असर पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम और हथियारों की आपूर्ति पर पड़ सकता है। श्मिहाल ने कहा, "रूसी बैलिस्टिक मिसाइलों से निपटने में फिलहाल केवल पैट्रियट सिस्टम ही कारगर है।" यूक्रेन ने पहले भी पैट्रियट बैटरियों की मांग के लिए महीनों तक अमेरिका और उसके सहयोगियों से अपील की थी, ताकि रूस के लगातार हवाई हमलों से शहरों और नागरिकों की रक्षा की जा सके।
अमेरिका-यूक्रेन के बीच रणनीतिक सौदा भी अधर में
यूक्रेन और अमेरिका के बीच यूक्रेनी खनिज और प्राकृतिक संसाधनों तक अमेरिका की विशेष पहुंच को लेकर एक रणनीतिक सौदा किया जाना था। जेलेंस्की इसी समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए वॉशिंगटन गए थे, लेकिन व्हाइट हाउस में ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वांस के साथ तनावपूर्ण बातचीत के बाद इसे रद्द कर दिया गया। श्मिहाल ने कहा कि अमेरिका से मदद की जरूरत थी, लेकिन अगर यह नहीं भी मिलती, तो भी यूक्रेन अपनी लड़ाई जारी रखेगा। उन्होंने कहा, "यूक्रेन अमेरिका के साथ अपने सहयोग को जारी रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, लेकिन हम किसी भी हालात में लड़ना बंद नहीं करेंगे।"
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