मुंह मोड़ रहे टूरिस्ट, अब कंगाली की राह पर पाकिस्तान का दोस्त तुर्किये; करता रहा है भारत के खिलाफ साजिश
- कश्मीर जैसे मुद्दे पर भारत को आंख दिखाने वाले रेसेप तैयप एर्दोगन के देश में महंगाई चरम पर है। पर्यटकों के लिए खास व्यवस्था करने के बावजूद यूरोप के नासूर कहे जाने वाले तुर्किये से फिलहाल टूरिस्ट मुंह मोड़ रहे हैं।
पाकिस्तान की ही तरह उसका करीबी देश तुर्किये भी कंगाली की राह पर चल पड़ा है। कश्मीर जैसे मुद्दे पर भारत को आंख दिखाने वाले रेसेप तैयप एर्दोगन के देश में महंगाई चरम पर है। पर्यटकों के लिए खास व्यवस्था करने के बावजूद यूरोप के नासूर कहे जाने वाले तुर्किये से फिलहाल टूरिस्ट मुंह मोड़ रहे हैं। चौतरफा घिरे तुर्किये के लिए इस स्थिति से उबर पाना मुश्किल हो रहा है।
तुर्किये के आधिकारिक आंकड़े कह रहे हैं दूसरी तिमाही में उसके देश में पर्यटन राजस्व 12% और पर्यटकों की संख्या 15% बढ़ी है। मगर जमीनी स्तर पर ऐसा कुछ खास नहीं दिख रहा है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्किये के पर्यटन संघ 'तुकोन्फेड' के अनुसार, जुलाई के महीने में तुर्किये के होटलों में मेहमानों की कमी नजर आई। सामान्यतः गर्मियों के मौसम में होटलों की बुकिंग दर 90-95% रहती है लेकिन इस साल यह दर 60% तक ही पहुंच पाई है।
तुर्किये में चरम पर महंगाई
इस स्थिति के पीछे का प्रमुख कारण तुर्किये में चल रही महंगाई है। मौजूदा वक्त में तुर्किये में महंगाई की दर 61.8% है। यही कारण है कि कई देश के लोग यहां वेकेशन मनाने से कतरा रहे हैं। होटल मालिकों के अनुसार, अधिकतर पर्यटक समुद्र तट के नजदीक के होटलों में ही ठहर रहे हैं, जबकि अन्य होटलों को भरने में कठिनाई हो रही है। बिजली और अन्य लागतों में वृद्धि ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है।
क्यों कम हो रही पर्यटकों की आमद
वहीं यूरोप में गर्मियों के दौरान हुए प्रमुख खेल आयोजनों ने भी तुर्किये के पर्यटन पर प्रभाव डाला है। पेरिस में आयोजित 2024 ओलंपिक खेलों और जर्मनी में हुए यूरो 2024 ने पर्यटन की बढ़ती संख्या को प्रभावित किया है। तुर्किये के संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि इन खेल आयोजनों का प्रभाव तुर्किये के पर्यटन पर पड़ा है और उन्होंने सितंबर तक पर्यटन की संख्या में वृद्धि की संभावना जताई है।
ग्रीस ने लगाया तुर्किये की अर्थव्यवस्था पर बट्टा
वहीं तुर्किये में पर्यटकों की आमद पर ग्रीस ने बट्टा लगा दिया है। ग्रीस द्वारा अपने द्वीपों के वीजा नियमों में ढील देने के फैसले ने भी तुर्किये के होटलों की बुकिंग दर को प्रभावित किया है। अब ग्रीस के कुछ द्वीपों पर वीजा हासिल करना आसान हो गया है, जिससे वहां की लोकप्रियता बढ़ गई है। इस स्थिति ने तुर्किये के पर्यटन उद्योग को काफी क्षति पहुंचाई है। ऊपर से महंगाई ने वहां के लोगों की जिंदगी को कठिन बना दिया है।
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