'भारत के दोस्त' को विदेश मंत्री बनाने जा रहे ट्रंप, NSA भी हैं खुले समर्थक; कौन हैं रुबियो और वाल्ट्ज?
- ट्रंप ने रुबियो को विदेश मंत्री तथा वाल्ट्ज को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार चुन कर अपने दूसरे प्रशासन के तहत भारत और अमेरिका के संबंधों को और मजबूत करने की गारंटी दी है।
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फ्लोरिडा के सीनेटर मार्को रुबियो को विदेश मंत्री तथा सांसद माइक वाल्ट्ज को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का जिम्मा संभालने के लिए कहा है। रुबियो (53) को भारत का दोस्त माना जाता है। वह भारत-अमेरिका संबंधों के समर्थक रहे हैं। वहीं वाल्ट्ज (50) भी भारत के पुराने समर्थक रहे हैं और वर्षों से भारत एवं भारतीय अमेरिकियों के लिए ‘कांग्रेसनल कॉकस’ के सह-अध्यक्ष भी रहे हैं।
ट्रंप ने रुबियो को विदेश मंत्री तथा वाल्ट्ज को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार चुन कर अपने दूसरे प्रशासन के तहत भारत और अमेरिका के संबंधों को और मजबूत करने की गारंटी दी है। रुबियो और वाल्ट्ज को ऐसे समय पर इन दोनों पदों के लिए चुना गया है जब रिपब्लिकन पार्टी ने अमेरिकी संसंद में बहुमत हासिल कर लिया है जिससे ट्रंप इसके दोनों सदनों पर नियंत्रण रख सकेंगे।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की भूमिका के लिए सीनेट की मंजूरी की जरूरत नहीं होती। ट्रंप की टीम की ओर से इन नामों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। फ्लोरिडा के सीनेटर रिक स्कॉट ने कहा, ‘‘मैं अपने दोस्त और हमारे अगले विदेश मंत्री मार्को रुबियो के लिए बहुत खुश हूं। वह दुनिया भर में अमेरिकियों का नेतृत्व करेंगे, खासतौर पर लैटिन अमेरिका का क्योंकि वह अमेरिका का सम्मान और साहस के साथ प्रतिनिधित्व करते हैं।’’
कौन हैं वाल्ट्ज?
स्कॉट सीनेट में ‘मेजॉरिटी लीडर’ बनना चाहते हैं, हालांकि वर्तमान में डेमोक्रेटिक नेता चक शूमर यह पद संभाल रहे हैं। वाल्ट्ज ‘आर्मी नेशनल गार्ड’ के सेवानिवृत्त अधिकारी और पूर्व सैनिक रह चुके हैं। वह ट्रंप के कट्टर समर्थक रहे हैं। उन्हें चीन के प्रति कठोर रुख रखने वाला माना जाता है और उन्होंने ही कोविड-19 की उत्पत्ति तथा चीन में मुस्लिम उइगर आबादी के उत्पीड़न के कारण बीजिंग में 2022 में हुए शीतकालीन ओलंपिक का अमेरिका द्वारा बहिष्कार करने का आह्वान किया था।
अमेरिका की समाचार वेबसाइट ‘द हिल’ में जारी खबर के मुताबिक, वाल्ट्ज 2019 से सांसद हैं। उन्होंने यूरोप से यूक्रेन को और अधिक समर्थन देने तथा अमेरिका से उसके समर्थन में और अधिक सख्ती बरतने का आह्वान किया है। ट्रंप ने इससे पहले दिन में न्यूयॉर्क के पूर्व सांसद ली जेल्डिन को ‘द यूनाइटेड स्टेट्स एनवायरनमेंटल प्रोटेक्टिव एजेंसी’ (ईपीए) के प्रशासक का पद संभालने के लिए कहा। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत के तौर पर सांसद एलिस स्टेफनिक को चुना है।
कौन हैं मार्को रुबियो?
राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए डोनाल्ड ट्रंप फ्लोरिडा के सीनेटर मार्को रुबियो को विदेश मंत्री के रूप में नामित करने जा रहे हैं। रिपब्लिकन मार्को रुबियो 2006 से 2008 तक फ्लोरिडा हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के स्पीकर रह चुके हैं। मियामी में क्यूबा के अप्रवासियों के घर जन्मे मार्को रुबियो ने 1993 में फ्लोरिडा विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान की डिग्री हासिल की। 2010 में उन्हें टी पार्टी के समर्थन से अमेरिकी सीनेट के लिए चुना गया था, जो रिपब्लिकन का एक दक्षिणपंथी गुट है, जिसने बराक ओबामा की राष्ट्रपति पद की जीत के बाद गति पकड़ी थी। 1990 के दशक में वेस्ट मियामी के लिए एक नगर आयुक्त के रूप में सेवा करने के बाद, मार्को रुबियो को 2000 में फ्लोरिडा हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में 111वें जिले का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया था।
बिल नेल्सन की हार के बाद जनवरी 2019 में मार्को रुबियो ने फ्लोरिडा के वरिष्ठ सीनेटर की भूमिका संभाली और डेमोक्रेट वैल डेमिंग्स को हराकर 2022 में तीसरा कार्यकाल हासिल किया। बाद में उन्होंने आयोवा कॉकस से कुछ समय पहले 2024 के राष्ट्रपति पद की दौड़ के लिए डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन किया। पहले ट्रंप प्रशासन के दौरान लैटिन अमेरिका के प्रति अमेरिकी नीति पर उनके प्रभाव के कारण उन्हें "लैटिन अमेरिका के लिए आभासी राज्य सचिव" कहा जाने लगा।
(इनपुट एजेंसी)
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